Move to Jagran APP

मुंबई हमले के पीडि़तों ने मांगा 42 अरब का मुआवजा

2008 में हुए मुंबई हमलों के नौ अमेरिकी व इजरायली पीड़ितों ने हमले के साजिशकर्ताओं से 68.8 करोड़ डॉलर (करीब 42 अरब रुपये) के मुआवजे की मांग की है। साजिशकर्ताओं में जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद समेत अन्य नाम शामिल हैं।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 12 Nov 2014 08:56 AM (IST)Updated: Wed, 12 Nov 2014 09:09 AM (IST)
मुंबई हमले के पीडि़तों ने मांगा 42 अरब का मुआवजा

वाशिंगटन। 2008 में हुए मुंबई हमलों के नौ अमेरिकी व इजरायली पीड़ितों ने हमले के साजिशकर्ताओं से 68.8 करोड़ डॉलर (करीब 42 अरब रुपये) के मुआवजे की मांग की है। साजिशकर्ताओं में जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद समेत अन्य नाम शामिल हैं।

loksabha election banner

न्यूयार्क की एक अदालत के समक्ष गत 30 व 31 अक्टूबर को दोबारा दायर की गई याचिका में मुंबई हमलों के नौ पीड़ितों ने जमात-उद-दावा व लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ ज्यूरी द्वारा मुकदमा चलाए जाने व फैसला सुनाए जाने और 42 अरब रुपये के मुआवजे की मांग की है। ये पीडि़त अमेरिका और इजरायल के निवासी हैं।

उन्होंने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी, साजिद माजिद, आजम चीमा और पाक के दो अन्य नागरिकों मेजर इकबाल व मेजर समीर अली के खिलाफ याचिका दायर की है।

उनके अटॉर्नी के अनुसार इन्हीं मांगों को लेकर पहली याचिका उन्होंने एक नवंबर 2013 को न्यूयार्क के पूर्वी जिला न्यायालय के समक्ष दायर की थी। अदालत के समन उस समय जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा व पाक में मौजूद अन्य प्रतिवादियों को भेजे गए थे, लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

मुआवजे की यह मांग हादसे में मारे गए सात लोगों के परिवारों व दो अन्य घायलों की ओर से की गई है। अमेरिकी व इजरायली पीड़ितों ने सबसे पहले मामला 19 नवंबर, 2010 को दर्ज कराया था और आइएसआइ व इसके प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया था।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अदालत को बताया कि वे विदेशी सरकार का हिस्सा होने के कारण छूट के हकदार हैं।

पढ़ें : सड़क दूर्घटना में पीडि़त परिवार को 33 लाख का मुआवजा देने का आदेश

पढ़ें : बाघ के हाथों मारे गए मकसूद के परिजनों ने मांगा 50 लाख का मुआवजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.