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सीरिया पर हमला करेगा अमेरिका!

संयुक्त राष्ट्र के दल ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार द्वारा नागरिकों पर रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल की जांच पूरी कर ली है। शनिवार को लेबनान पहुंची यह टीम जल्द यूएन महासचिव बान की मून से मुलाकात करेगी। असद सरकार को सबक सिखाने पर आमादा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि उन्होंने सीरिया पर हवाई हमले का फैसला किया है। यह किसी भी समय हो सकता है। लेकिन इसके लिए पहले वह अमेरिकी संसद की इजाजत लेंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रास

By Edited By: Published: Sun, 01 Sep 2013 05:38 AM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2013 06:12 AM (IST)
सीरिया पर हमला करेगा अमेरिका!

वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र के दल ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार द्वारा नागरिकों पर रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल की जांच पूरी कर ली है। शनिवार को लेबनान पहुंची यह टीम जल्द यूएन महासचिव बान की मून से मुलाकात करेगी। असद सरकार को सबक सिखाने पर आमादा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि उन्होंने सीरिया पर हवाई हमले का फैसला किया है। यह किसी भी समय हो सकता है। लेकिन इसके लिए पहले वह अमेरिकी संसद की इजाजत लेंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रासायनिक हमले के आरोपों को बकवास करार देते हुए अमेरिका से इसका सुबूत देने को कहा है। हमले की आशंका को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी है।

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हमले को लेकर अमेरिकी सांसदों में उभरे मतभेदों के बावजूद ओबामा का कहना है कि अमेरिका का यह दायित्व है कि वह सीरिया में रासायनिक हथियार के प्रयोग के लिए सरकार को दंडित करे। उन्होंने कहा कि सीमित हमले के लिए विध्वंसक अमेरिकी क्रूज मिसाइलें क्षेत्र में मौजूद हैं। हमारी सेना जमीन पर नहीं उतरेगी। सैन्य कार्रवाई के लिए बस अमेरिकी संसद से मंजूरी का इंतजार है। ध्यान रहे कि ब्रिटिश संसद ने प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को ऑपरेशन सीरिया में शामिल होने की इजाजत देने से मना कर दिया है। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पुष्टि की है कि रूस के विरोध को देखते हुए अमेरिका हमले के लिए यूएन सुरक्षा परिषद की अनुमति नहीं मांगेगा। ओबामा ने कहा, 'हमने सहयोगी देशों के साथ विचार-विमर्श किया है। हमने अमेरिकी संसद में भी चर्चा की है।' कनाडा ने सीरिया के खिलाफ संभावित अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का समर्थन तो किया, लेकिन इसमें सीधी भागीदारी से इन्कार किया है।

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पुतिन ने व्लादिवोस्तक में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि अमेरिका के पास सुबूत हैं तो दिखाए क्यों नहीं जा रहे। रासायनिक हमले का प्रचार दूसरे देशों को गृह युद्ध में उतारने के लिए किया गया। अमेरिका द्वारा सैन्य बल प्रयोग की धमकी हमें अस्वीकार्य है। यदि सुरक्षा परिषद की स्वीकृति के बिना सीरिया पर हमला होता है तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा। चीन और रूस सुरक्षा परिषद में सीरिया पर लाए गए दो प्रस्तावों को वीटो कर चुके हैं।

इस बीच, सीरिया ने कहा कि देश में रासायनिक हथियारों के प्रयोग के अमेरिकी साक्ष्य फर्जी हैं। उसका कहना है कि जिस अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में सीरिया में रासायनिक हथियारों के प्रयोग से करीब 1500 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है, वह पूर्ण रूप से झूठी है। एक सीरियाई सुरक्षा अधिकारी ने कहा है कि उनके देश पर किसी भी समय अमेरिका की ओर से हमला हो सकता है। सीरिया बदले की कार्रवाई करने को तैयार हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने नई दिल्ली में कहा कि हमने अपने नागरिकों को कुछ समय पहले सीरिया न जाने की सलाह दी थी। अब स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। हम दमिश्क स्थिति अपने दूतावास के संपर्क में हैं। दूतावास ने बताया है कि सीरिया में अब लगभग 30 भारतीय नागरिक बचे हैं। वे सभी सुरक्षित हैं। उन्हें भारत वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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