Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनएसए ने टोरंटो में की थी जी-20 सम्मेलन की जासूसी

    By Edited By:
    Updated: Fri, 29 Nov 2013 05:58 PM (IST)

    टोरंटो। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी [एनएसए] द्वारा की गई जासूसी के संबंध में रोजाना कोई न कोई नई जानकारी सामने आ रही है। ताजा रहस्योद्घाटन के मुताबिक वर्ष 2010 में कनाडाई अधिकारियों ने जी-20 सम्मेलन के दौरान एनएसए को बड़े पैमाने पर जासूसी करने की इजाजत दी थी। इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

    टोरंटो। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी [एनएसए] द्वारा की गई जासूसी के संबंध में रोजाना कोई न कोई नई जानकारी सामने आ रही है। ताजा रहस्योद्घाटन के मुताबिक वर्ष 2010 में कनाडाई अधिकारियों ने जी-20 सम्मेलन के दौरान एनएसए को बड़े पैमाने पर जासूसी करने की इजाजत दी थी। इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई देशों के नेताओं ने शिरकत की थी। अमेरिकी गोपनीय निगरानी कार्यक्रम का खुलासा करने वाले सीआइए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेज के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कनाडियन ब्राडकास्टिंग का‌र्प्स की रिपोर्ट के मुताबिक अत्यधिक गोपनीय की मुहर वाला दस्तावेज दर्शाता है कि अमेरिका ने जून, 2010 में एनएसए के छह दिवसीय जासूसी अभियान के दौरान ओटावा स्थित अपने ही दूतावास को सुरक्षा कमान चौकी में तब्दील कर दिया था जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, मनमोहन समेत 25 देशों के राष्ट्राध्यक्ष कनाडा में मौजूद थे। हालांकि दस्तावेज में इस बात का जिक्र नहीं है कि एनएसए और उसके कनाडाई सहयोगी ने खास तौर पर किसकी जासूसी की। रिपोर्ट के मुताबिक जी-20 सम्मेलन के एजेंडे में कई महत्वपूर्ण मुद्दे थे जिससे एनएसए और कनाडा के हित जुड़े थे। दुनिया के तमाम देश उस समय 2008 की आर्थिक मंदी से निकलने के लिए संघर्षरत थे और इससे उबरने के लिए बैंकों पर वैश्विक कर समेत तमाम उपायों को लेकर नेता बहस रहे थे। हालांकि बैंकों पर वैश्रि्वक कर का अमेरिका और कनाडा दोनों ने विरोध किया था।

    पढ़ें : अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी के पर कतरने की तैयारी

    रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी और कनाडाई खुफिया एजेंसी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष के साथ मिलकर वर्ष 2009 में लंदन में आयोजित जी-20 सम्मेलन के दौरान विदेशी राजनेताओं और राजनयिकों के फोन कॉल और ई-मेल की निगरानी की थी। स्नोडेन ने इससे पहले रहस्योद्घाटन किया था कि एनएसए ने अमेरिका के मित्र देशों जर्मनी और ब्राजील की भी जासूसी की थी, जिसके बाद वाशिंगटन और इन देशों के राजनयिक संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। स्नोडेन ने फिलहाल रूस में शरण ले रखी है।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर