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    साइबर जासूसी को लेकर चीन पर बिफरे हेगल

    By Edited By:
    Updated: Sat, 01 Jun 2013 03:48 PM (IST)

    सिंगापुर। संवेदनशील सूचनाओं पर लगातार चीनी साइबर हमलों से नाराज अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने शनिवार को सिंगापुर सुरक्षा फोरम में चीन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने चीनी सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में बीजिंग पर वाशिंगटन के खिलाफ साइबर जासूसी में शामिल होने का आरोप लगाया।

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    सिंगापुर। संवेदनशील सूचनाओं पर लगातार चीनी साइबर हमलों से नाराज अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने शनिवार को सिंगापुर सुरक्षा फोरम में चीन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने चीनी सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में बीजिंग पर वाशिंगटन के खिलाफ साइबर जासूसी में शामिल होने का आरोप लगाया।

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    दोनों देशों के नेताओं की अगले हफ्ते होने वाली बैठक से पहले चीन पर इलेक्ट्रानिक जासूसी को लेकर दबाव बनाते हुए हेगल ने संवदेनशील अमेरिकी सूचना प्रणाली पर बार-बार सेंधमारी के लिए चीनी सरकार और उसकी सेना पर आरोप लगाया। हेगल ने वार्षिक सिंगापुर सम्मेलन शंग्री ला डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा,'दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के तौर पर अमेरिका और चीन के बीच हितों और चिंताओं पर कई साझे क्षेत्र हैं। साइबर मुद्दे पर साइबर कार्यसमूह की स्थापना दोनों देशों के बीच बातचीत को बढ़ावा देने की दिशा में सकारात्मक कदम है।'

    उन्होंने कहा, 'हम साइबरस्पेस के जिम्मेदाराना कार्यव्यवहार को लेकर चीन और अन्य सहयोगियों के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों को स्थापित करने के लिए तेजी से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' सम्मेलन में चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल स्टाफ के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल क्यू झियांगू के नेतृत्व में चीन का प्रतिनिधिमंडल मौजूद था। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग की आगामी 7-8 जून को कैलिफोर्निया में बैठक होनी है। शी के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात होगी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने मई की शुरुआत में जारी अपनी रिपोर्ट में चीनी हैकरों पर अमेरिकी हथियारों के डिजाइन तक पहुंच बनाने का आरोप लगाया था।

    हेगल के भाषण से दो दिन पहले चीनी रक्षा मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया था। मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी पोस्ट में कहा गया है कि अमेरिकी दावों में कुछ खामियां हैं। पहला उन्होंने पेंटागन की रक्षा क्षमताओं को कमतर आंका है। दूसरा उन्होंने चीनी लोगों की बौद्धिक क्षमता को गलत आंका। चीन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हथियारों और उपकरणों का निर्माण करने में सक्षम है।

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