ट्रंप प्रशासन अमेरिका में कारोबारी वीजा की शर्ते कड़ी करेगा
विदेशी कंपनियों और पेशेवरों के लिए अमेरिका में आवश्यक एच-1बी और एल 1 वीजा प्राप्ति के प्रावधानों को कड़ा किया जाएगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में कार्य करने वाली विदेशी कंपनियों और पेशेवरों के लिए आवश्यक एच-1बी और एल 1 वीजा प्राप्ति के प्रावधानों को कड़ा किया जाएगा और उनकी संख्या कम की जाएगी। यह बात नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नियुक्त अटार्नी जनरल जैफ सेशंस ने अमेरिकी सांसदों से कही है। अमेरिका में अटॉर्नी जनरल को प्रशासन में काफी अधिकार प्राप्त होते हैं।
अमेरिका के आइटी सेक्टर में बड़ी संख्या में भारतीय कंपनियां और भारतीय मूल के लोग कार्यरत हैं। इसलिए 20 जनवरी से कार्यभार संभालने वाले ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का असर निश्चित रूप से भारत और भारतीयों पर पड़ेगा। चुनाव के दौरान ट्रंप आव्रजन नीति सख्त करके अमेरिकियों को रोजगार दिलाने की घोषणा कर चुके हैं। जैफ सेशंस ने कहा, यह पूरी तरह से गलत धारणा है कि अमेरिकी व्यवस्था पूरी तरह से दुनिया के लिए खुली हुई है।
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यहां कोई भी आए और कम वेतन पर काम करने के लिए तैयार होकर अमेरिकी नागरिक के हिस्से की नौकरी पर कब्जा कर ले। ट्रंप प्रशासन इस ढर्रे को बदलेगा। सेशंस ने कहा कि हमारे देश की सीमाएं हैं। देश की सरकार की नागरिकों के प्रति जिम्मेदारियां हैं। हम दुनिया के अग्रणी देश हैं।
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ऐसे में नागरिकों के हितों की चिंता करने की हमारी जिम्मेदारी है। वह सांसदों की न्यायिक समिति के समक्ष बोल रहे थे। अटॉर्नी जनरल पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के लिए इस समिति के समक्ष अपनी बात रखनी होती है।
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