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    पाकिस्तानी मां की बिछड़े बेटे से मिलने की उम्मीद जगी

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Sun, 01 Nov 2015 09:40 PM (IST)

    एक 15 वर्षीय पाकिस्तानी किशोर की मां की उम्मीदें फिर जग उठी हैं कि वह अपने बिछड़े बेटे से दोबारा मिल सकेगी जो साल 2011 से भारत में फंसा है। भारतीय सरकार ने इस मामले को फिर से खोला है।

    कराची। एक 15 वर्षीय पाकिस्तानी किशोर की मां की उम्मीदें फिर जग उठी हैं कि वह अपने बिछड़े बेटे से दोबारा मिल सकेगी जो साल 2011 से भारत में फंसा है। भारतीय सरकार ने इस मामले को फिर से खोला है। कराची के ओरंगी इलाके में एक झोपड़ी में रह रही रजिया बेगम के अनुसार अंसार बर्नी वेलफेयर ट्रस्ट के अंसार बर्नी ने उसे बताया है कि भारतीय सरकार ने मामले को दोबारा खोला है।

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    इससे उसका बेटा मुहम्मद रमजान अंततः घर वापस आ जाएगा। रमजान की वापसी की मांग कर रहे बर्नी ने कहा कि उन्होंने किशोर के दादा-दादी के पासपोर्ट समेत संबंधित दस्तावेज इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग को भेज दिया है जिससे प्रमाणित होता है कि वह रजिया बेगम का बेटा है।

    उन्होंने बताया कि रमजान की पहचान बगैर किसी संदेह के स्थापित हो चुकी है। अब पाकिस्तानी सरकार को औपचारिक आग्रह करना होगा। रजिया के मुताबिक यह चमत्कार ही है कि वह सात साल बाद फोन पर अपने बिछड़े हुए बेटे से बात कर पाई।

    उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ रोती रही और वह मुझे दिलासा देता रहा।" रजिया ने बताया कि उसने बेटे से दोबारा मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन इस साल एक सितंबर को इंटरनेट पर तस्वीरों के जरिये उसने बेटे की पहचान की। अब वह उससे सोशल मीडिया और फोन के जरिये बराबर बात कर पाती हैं।

    गीता से अलग है रमजान की कहानी

    रमजान की कहानी भारतीय मूक-बधिर लड़की गीता से अलग है। पिछले महीने करीब 14 साल बाद भारत लौटने वाली गीता गलती से पाकिस्तानी में चली गई थी लेकिन 2011 में रमजान बांग्लादेश में अपने पिता के चंगुल से भागकर भारत चला आया था।

    रजिया के अनुसार, उसका पूर्व पति तलाक देने के बाद दूसरी पत्नी के साथ बांग्लादेश चला गया और साथ में रमजान को भी जबरन वहां ले गया था। भारत आने के दो साल बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया और भोपाल ले गई। जहां वह एक चाइल्डलाइन चैरिटी में रह रहा है।