लाहौर धमाके के बाद अब तालिबानी विद्रोहियों ने उड़ाया पाक PM का मजाक
ईस्टर के मौके पर लाहौर में धमाका कर 70 लोगों की जान लेनेवाले तालिबानी विद्रोहियों ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का मजाक उड़ाया है। आतंकियों ने कहा कि उनके खिलाफ छेड़े गए युद्घ खुद नवाज शरीफ के दरवाजे तक आ गया था।
इस्लामाबाद। ईस्टर के मौके पर लाहौर में धमाका कर 70 लोगों की जान लेनेवाले तालिबानी विद्रोहियों ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का मजाक उड़ाया है। आतंकियों ने कहा कि उनके खिलाफ छेड़े गए युद्घ खुद नवाज शरीफ के दरवाजे तक आ गया था।
पाकिस्तानी सेना की तरफ से ये कहा है कि वो लगातार तलीबानी आतंकी गुट जमात-उर-अहरार के लोगों की लगातार तलाश कर रही है। लाहौर में किए गए आत्मघाती हमले के बाद इन लोगों के पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापेमारी की गई है। हालांकि, इस बारे में ना ही पाकिस्तानी सेना और ना ही सरकार की तरफ से अब तक कोई विस्तृत जानकारी दी गई।
लाहौर धमाके के बाद इस हमले की जिम्मेदारी जमात-उर-अहरार ने ली थी। साथ ही, उनकी तरफ से कहा था कि ईस्टर मना रहे ईसाईयों को निशाना बनाकर ये हमला किया गया था। साथ ही, चेतावनी देते हुए जमात-उर-अहरार की तरफ से कहा गया कि भविष्य में ऐसे और धमाके किए जाएंगे।
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आतंकियों की तरफ से लाहौर को निशाना बनाने की एक बड़ी वजह ये है कि ये पंजाब की राजधानी है। इसके अलावा, पाकिस्तान का सबसे संपन्न और अधिक आबादीवाला प्रांत होने के साथ-साथ लाहौर नवाज शरीफ का राजनीतिक गढ़ भी माना जाता है।
जमात-उर-अहरार के प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने ट्वीट करते हुए कहा कि नवाज शरीफ जानते हैं कि ये युद्ध उनके घर के चौखट तक आ चुका है। इस लड़ाई का विजेता कौन होगा ये खुदा की मर्जी है।
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पाकिस्तानी तालिबान से अलग होकर बने जमात-उर-अहरार दिसंबर से लेकर अब तक पाकिस्तान के अंदर पांच बड़े धमाके कर चुका है। इसके अलावा, खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के प्रति अपनी वफादारी की भी घोषणा कर चुका है।
नवाज शरीफ सोमवार की शाम को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में आतंकियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखने का आह्वान किया।
शरीफ ने कहा- “मैं यहां पर दोबारा ये प्रतिज्ञा करता हूं कि हम अपने शहीद के खून का एक-एक कतरा गिन रहे हैं। इसका बदला लिया जाएगा और जब तक ये चुकता नहीं कर लिया जाता है तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।”
हालांकि, शरीफ ने ऐसे खतरनाक हमलो के लिए क्या कदम सरकार उठाएगी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा। ऐसा ही एक हमला इससे पहले साल 2014 के दिसंबर महीने में बंदूकधारियों की तरफ से जो हमले किए गए थे, जिसमें 134 स्कूली बच्चे मारे गए थे।
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