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    नासा को धरती जैसा ही एक और ग्रह मिला, जीवन की उम्‍मीद

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Fri, 24 Jul 2015 09:38 AM (IST)

    धरती के जैसे नए ग्रह की तलाश में जुटे खगोलविदों के लिए उम्मीद की किरण जगी है। नासा के केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने सौर मंडल से बाहर एक नया ग्रह खोजा है। यह ग्रह हमारी धरती के जैसा है।

    वाशिंगटन, एजेंसी। धरती के जैसे नए ग्रह की तलाश में जुटे खगोलविदों के लिए उम्मीद की किरण जगी है। नासा के केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने सौर मंडल से बाहर एक नया ग्रह खोजा है। यह ग्रह हमारी धरती के जैसा है। अपने सितारे का चक्कर काट रहा नया ग्रह जीवन की सभी परिस्थितियों व संभावनाओं को समेटे हुए है।

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    अभी यह पता नहीं है कि वहां एलियन रह रहे हैं या नहीं। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां का वातावरण ऐसा है कि वहां पेड़-पौधे पनप सकते हैं। नासा ने इस ग्रह को केपलर-452बी नाम दिया है। यह ग्रह जी2 नामक सितारे की परिक्रमा कर रहा है। जी2 तारा हमारे सूर्य सरीखा तारा है।

    हालांकि वह उम्र में हमारे सूर्य से सवा अरब वर्ष बड़ा है। नासा ने कहा है कि नई दुनिया में धरती के जैसी जीने की पर्याप्त परिस्थिति मौजूद है। नया ग्रह हमारी धरती से आकार में 60 प्रतिशत बड़ा है और हमसे करीब 1400 प्रकाश वर्ष दूर साग्नस तारामंडल में स्थित है।

    नए ग्रह की खोज के साथ ही पुष्ट ग्रहों की संख्या 1030 हो गई है। नासा ने अभी तक 12 निवास योग्य ग्रहों की खोज की है और दूसरी धरती की खोज इस दिशा में एक मील का पत्थर है। नासा के साइंस मिशन डाइरेक्टरेट के सहायक प्रशासक जॉन ग्रुंसफेल्ड ने कहा कि इस उत्साहवद्र्धक परिणाम ने हमें अर्थ 2.0 की खोज के करीब पहुंचा दिया है।

    ऐसी है नई दुनिया

    केपलर-452बी हमारी धरती से बड़ा है लेकिन 385 दिनों की इसकी कक्षा हमारी धरती की कक्षा से केवल 5 प्रतिशत ज्यादा है। नया ग्रह ऐसे क्षेत्र में है जिसे निवास योग्य या गोल्डीलॉक्स जोन के रूप में जाना जाता है। तारे के आसपास का यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां परिक्रमा करने वाले ग्रह की सतह पर जल तरल रूप में काफी मात्रा में मौजूद हो सकता है।

    धरती और सूर्य से भी पुराना

    हमारी धरती सूर्य से जितनी दूरी पर है, खोजा गया ग्रह अपने तारे से उससे पांच प्रतिशत अधिक दूरी पर स्थित है। केपलर-452 ग्रह हमारी पृथ्वी छह अरब वर्ष पुराना है। नए ग्रह का तापमान हमारी धरती के समान है और 20 प्रतिशत ज्यादा चमकीला है। इतना ही नहीं इसका व्यास हमारी धरती के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक है। इससे वहां जीवन के विकास के पर्याप्त अवसर, सभी आवश्यक अवयव और परिस्थितियां मौजूद हो सकती हैं।