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    पाकिस्तान में सत्ताधारी सांसद और आइएसआइ अधिकारी का अपहरण

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    Updated: Sat, 31 May 2014 06:04 PM (IST)

    पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शनिवार को सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद और आइएसआइ के एक अधिकारी का अपहरण हो गया। बताया गया है कि अपहरण तहरीक-ए-तालिबान ने किया है।

    लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शनिवार को सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद और आइएसआइ के एक अधिकारी का अपहरण हो गया। बताया गया है कि अपहरण तहरीक-ए-तालिबान ने किया है। पुलिस ने बताया कि सांसद राणा जमील हसन पत्नी के साथ इस्लामाबाद जा रहे थे, उसी समय अज्ञात बंदूकधारियों ने पिंडी भट्टियां के नजदीक उनकी कार को रोककर उन्हें अगवा कर लिया।

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    अपहर्ता दोनों की आंखों पर पट्टी बांधकर रेगिस्तानी इलाके में ले गए। बाद में उन्होंने हसन की पत्नी को पांच करोड़ रुपये का इंतजाम करने की बात कहते हुए छोड़ दिया। उन्होंने हसन की पत्‍‌नी को दो दिन में पैसों का इंतजाम न होने की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। मामले का संज्ञान लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने पुलिस महानिरीक्षक को हसन की सुरक्षित रिहाई को सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

    दूसरी घटना में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कथित तौर पर आइएसआइ के एक अधिकारी का लाहौर रक्षा क्षेत्र से अपहरण कर लिया। अधिकारी के परिवार से 20 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

    अभी नहीं मिला पूर्व पीएम का बेटा

    पाकिस्तान में अपहर्ताओं का साहस किस कदर बढ़ा हुआ है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले साल अपहृत हुआ पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी का बेटा अब तक नहीं मिला है। पिछले साल चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 9 मई को प्रधानमंत्री के बेटे अली हैदर गिलानी का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस अब तक हैदर का कोई पता नहीं लगा सकी है।

    तेजी से फैलता अपहरण उद्योग

    पाकिस्तान में अपहरण का उद्योग काफी तेजी से फैल रहा है। पिछले हफ्ते ही पांच हिंदू स्कूली बच्चों के अपहरण की घटना सामने आई थी। इससे पहले एक चीनी पर्यटक के अपहरण की भी घटना हुई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में अपहरण के पीछे फिरौती से बड़ा कारण धर्म परिवर्तन है।

    मूवमेंट फॉर सॉलिडेरिटी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक यहां सालाना 700 ईसाई और 300 हिंदू लड़कियों का अपहरण हो जाता है। इनकी उम्र औसतन 12 से 15 साल होती है। उनका बड़े पैमाने पर जबरिया धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है।

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