चीन में न्याय मांगने पर मिलती है सजा!
चीन में न्याय मांगने पर सजा मिलती है। सुनने में भले ही ये अटपटा लगे, लेकिन बीजिंग के मुख्य हिस्से से दो घंटे की दूरी पर बसा 'याचिकाकर्ताओं का गांव' (पिटीशनर्स विलेज) देखकर कुछ ऐसा ही लगता है।
बीजिंग। चीन में न्याय मांगने पर सजा मिलती है। सुनने में भले ही ये अटपटा लगे, लेकिन बीजिंग के मुख्य हिस्से से दो घंटे की दूरी पर बसा 'याचिकाकर्ताओं का गांव' (पिटीशनर्स विलेज) देखकर कुछ ऐसा ही लगता है।
इस गांव में ऐसे लोगों की झोपड़ियां हैं, जो न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। शासन की ओर से इन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, इसलिए न तो इन्हें कोई नौकरी मिलती है और न ही रहने का कोई ठिकाना। जहां ये सब रह रहे हैं, वहां भी न तो शौचालय की कोई व्यवस्था है और न ही अन्य जरूरतों की।
यहां रह रही वैंग बताती है कि वे एक बड़ी कंपनी में चीफ इकोनॉमिस्ट थीं और उन्हें बेहद कम मुआवजे के साथ कंपनी से बाहर कर दिया गया था। तब से न्याय की जद्दोजहद में उन्हें सिर्फ प्रताड़ना मिली है। उनके आसपास रहने वाले कई लोगों की भी परेशानी ऐसी ही है। सरकार के पास गुहार लगाने पर इन लोगों को मिला है, ये नतीजा।
कई मामलों में तो अधिकारियों ने इन लोगों को चार साल से ज्यादा वक्त तक कैदियों के कैंप में बिना किसी सुनवाई के रखा। एक बार वहां से निकलने के बाद जिंदगी पूरी तरह बर्बाद हो जाती है। उनके पहचान पत्र पर लिख दिया जाता है कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए कोई इन्हें नौकरी नहीं देता।
बिना अदालत के आदेश के यहां छापे पड़ते हैं और पुलिस की गश्त लगती है। इस बदहाल और गरीब इलाके में भी कई सर्विलांस कैमरे लगे हैं। जानकारों का कहना है कि सरकार द्वारा अक्टूबर में न्यायिक सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों से इन लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।