पढ़ाई जारी रख आतंकियों को जवाब देंगे आर्मी स्कूल के बच्चे
पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए तालिबानी हमले में जिंदा बच गए बच्चों ने अपनी पढ़ाई जारी रखने की शपथ ली है। गोलियों के घाव से उबर रहे बच्चे दोबारा स्कूल खुलने और अपनी पढ़ाई जारी रखने को लेकर व्यग्र हैं। बच्चों ने कहा है कि इस तरह की बुजदिली
पेशावर। पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए तालिबानी हमले में जिंदा बच गए बच्चों ने अपनी पढ़ाई जारी रखने की शपथ ली है। गोलियों के घाव से उबर रहे बच्चे दोबारा स्कूल खुलने और अपनी पढ़ाई जारी रखने को लेकर व्यग्र हैं। बच्चों ने कहा है कि इस तरह की बुजदिली उन्हें शिक्षा से वंचित नहीं कर सकती।
लेडी रीडिंग अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में इलाज करा रहे 10वीं के छात्र अहमद नवाज ने कहा कि वह ठीक होने के बाद सहपाठियों के साथ स्कूल जाना शुरू करेगा। इस घटना ने नवाज में नई ऊर्जा भर दी है और वह सेना में शामिल होकर आतंकियों से लडऩा चाहता है।
अपने दोस्तों और सहपाठियों को याद करते हुए 15 वर्षीय नवाज ने बताया कि वह इस दर्द और हमले के आघात को कभी भूल नहीं पाएगा। उसने बताया कि यदि सुरक्षाबल समय पर नहीं आते तो आतंकी स्कूल के सभी 11 सौ छात्रों को मार डालते। हालांकि नवाज को अभी नहीं बताया गया है कि सिविल सेवा में जाने का सपना देखने वाला उसका भाई हरीश नवाज अब इस दुनिया में नहीं है। घटना में घायल आठवीं का छात्र शाह मीर भी दोबारा स्कूल जाने को लेकर व्यग्र है। वह अपनी स्कूल क्रिकेट टीम के साथियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित भी है। उसने बताया कि ठीक होने के बाद वह और ज्यादा संकल्प के साथ अपनी टीम के साथ जुड़ेगा और अपने स्कूल का नाम रोशन करेगा। वहीं, हमले में घायल स्थानीय नागरिक अब्दुल समद ने छात्रों पर हमले को पाकिस्तान के भविष्य पर हमला बताया।