अमेरिकी की दो टूक, पठानकोट दोषियों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान
पठानकोट आतंकी हमले और इसमें पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अमेरिका में बड़ा बयान दिया है। अमेरिकी गृह विभाग का कहना है कि पाकिस्तान को बिना किसी भेदभाव के आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और पठानकोट हमले के षड्यंत्रकारियों का पता लगाकर न्याय दिलाने में मदद करनी चाहिए।
वॉशिंगटन। पठानकोट आतंकी हमले और इसमें पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अमेरिका में बड़ा बयान दिया है। अमेरिकी गृह विभाग का कहना है कि पाकिस्तान को बिना किसी भेदभाव के आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और पठानकोट हमले के षड्यंत्रकारियों का पता लगाकर न्याय दिलाने में मदद करनी चाहिए।
भारतीय खुफिया जांच में यह पाया गया है कि पठानकोट एयरबेस में पर हमले करने वाले लोग पाकिस्तान से आए थे और हमले की तैयारी उन्होंने पाकिस्तानी में ही की थी। अमेरिकी गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान को कोई बहानेबाजी नहीं करनी चाहिए जैसा कि मुंबई आतंकवादी हमले के मामले किया था।
अमेरिकी गृह विभाग के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा -"पाकिस्तान ने सार्वजनिक रूप से यह कहा है कि वो इस बात की जांच कर रहे हैं और आतंकवादी गुटों के बीच बिना किसी भेद-भाव के कार्रवाई कर रहे है। और हम इस कार्रवाई पर नजर बनाए हुए हैं।"
अधिकारी ने इस बात की ओर इशारा किया कि यही वह समय है जब असैन्य सरकार को अपनी तरफ से कार्रवाई करनी चाहिए और हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपने अतीत की प्रवृत्ति को नहीं दोहराएगा एवं आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं करेगा। इस अधिकारी का कहना था कि पठानकोट और अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ पर हुए हमले के बाद अमेरिकी सरकार के अधिकारी अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ लगातार निकट सम्पर्क बनाए हुए हैं।
पठानकोट हमले के बाद अमेरिकी सांसदों ने भी भारत का समर्थन किया था। अगर पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है तो ओबामा प्रशासन के लिए पाकिस्तान को कोई भी नई सैन्य सहायता प्रदान करना मुश्किल होगा। गृह विभाग के वरिष्ठ अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारी का कहना है "हम जानते हैं कि यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। हम हर मामले में पाकिस्तान से सहमत नही हैं...हम देख रहे कि वो अपने शब्दों का कैसे पालन करता है।"
अधिकारी के अनुसार, यदि पाकिस्तान इन आतंकी समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में संकोच करता है तो अमेरिकी सरकार के लिए पाकिस्तान को आठ एफ -16 की बिक्री के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए रिपब्लिकन कांग्रेस मनाना मुश्किल होगा। 20 से भी ज्यादा अमेरिकी सांसदों ने भारत का खुलकर समर्थन किया है जिसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों शामिल हैं।