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    भारत की रणनीति से पाक में खलबली, US को मनाने के लिए करेगा लॉबिंग

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jun 2016 02:40 PM (IST)

    अमेरिका से संबंधों को सहज बनाने के लिए पाकिस्तान की नीति बदल रही है। पाक इसके लिए लॉबिंग फर्मों की सेवा लेने पर विचार कर रहा है।

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    इस्लामाबाद। विदेश नीति के मोर्चे पर पाकिस्तान बुरे दौर से गुजर रहा है। अमेरिका की सरपरस्ती में अपनी नीति बनाने वाले पाक हुक्मरानों में बेचैनी है। भारत-अमेरिका के मजबूत होते संबंधों से पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है। इन सबके बीच पाकिस्तान ने अंकल सैम यानी अमेरिका को खुश करने के लिए लॉबिंग फर्म का सहारा लेगा। इसके लिए बकायादा शुरुआत हो चुकी है।

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    अमेरिका को खुश करने के लिए पाकिस्तान को य़े सब क्यों करना पड़ रहा है। इसका जवाब बहुत ही साफ है। हाल ही में पश्चिमी पाकिस्तान में द्रोन हमले में तालिबान के मुल्ला मंसूर के मारे जाने के बाद पाक ने अमेरिका की जमकर आलोचना की थी। पाक ने इसे अपने संप्रभुता पर खतरा बताया था। लेकिन अमेरिका ने साफ कर दिया था कि पाकिस्तानी अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दे दी गयी थी। आतंकियों के खिलाफ अमेरिका अपनी कार्रवाई को जारी रखेगा। इसके अलावा एफ-16 के मुद्दे पक अमेरिकी कांग्रेस के इनकार के बाद पाकिस्तान को झटका लगा।

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    अमेरिकी कांग्रेस ने साफ कर दिया था कि फॉरेन मिलिट्री फाइनेंसिंग के तहत अमेरिकी जनता के पैसे को पाकिस्तान कीे मदद करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इस तरह के बदलते समीकरण में पाक हुक्मरानों को ये लगता है कि अमेरिका के सामने अपने को पाक-साफ रखने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे।

    पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि जिस तरह से भारत को विदेशी मोर्चे पर कामयाबी मिली है। उसे पाकिस्तान में एक तरह की बेचैनी है। पाक विदेश नीति के मुख्य सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि लॉबिंग फर्म के जरिए अपनी बात रखने में किसी तरह की बुराई नहीं है। पाकिस्तान पहले भी इस तरह का काम करता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और दूसरे देश लॉबिंग फर्म के जरिए अपनी बात रखते हैं।

    गौरतलब है कि परवेज मुशर्रफ के सरकार में आने से पहले पाकिस्तान लॉबिंग फर्मों के जरिए अमेरिका के सामने अपनी बात रखते थे। हालांकि मुशर्रफ के सत्ता में आने के बाद लॉबिंग फर्मों की सेवा को समाप्त कर दिया गया था।