पाकिस्तान में तख्तापलट से विशेषज्ञों का इन्कार
पूर्व अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री रॉबिन राफेल के अनुसार पाकिस्तान में आकस्मिक बदलाव की गुजाइंश कम है, क्योंकि सेना सरकार को गिराने के लिए तैयार नहीं है।
वाशिंगटन। अमेरिकी विशेषज्ञों ने पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंकाओं को खारिज कर दिया है। हालांकि उनका मानना है कि सरकार पर सेना का वर्चस्वकारी प्रभाव बना रहेगा।
यह राय ऐसे समय में व्यक्त की गई है जब पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ के उत्तराधिकारी की खोज चल रही है। वे नवंबर में रिटायर होने वाले हैं।
पूर्व अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री रॉबिन राफेल के अनुसार पाकिस्तान में आकस्मिक बदलाव की गुजाइंश कम है, क्योंकि सेना सरकार को गिराने के लिए तैयार नहीं है।
डॉन के अनुसार राफेल उन आधे दर्जन अमेरिकी विशेषज्ञों में एक हैं जिन्होंने यहां हाल ही में एक संगोष्ठी में पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण किया। इस दौरान सभी वक्ता इस बात से सहमत थे कि सेना सरकार पर अपना वर्चस्व बनाए रखेगी, लेकिन उसे गिराएगी नहीं।
राफेल ने कहा कि सेना की तरह जनता भी बदल चुकी है और वह किसी भी आकस्मिक कदम का विरोध कर सकती है। उनके अनुसार पाकिस्तान में चुनाव 2018 में ही होंगे। यदि अभी चुनाव हुए तो इसका सबसे अधिक फायदा इमरान खान को होगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में से आधे समय सैन्य तानाशाहों का शासन रहा है। विदेश और रक्षा नीतियों को तय करने में भी सेना की अहम भूमिका होती है।
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