पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक का असर, जल्द ही होगी ISI के मुखिया की छुट्टी
उड़ी हमले के बाद भारतीय सेना की द्वारा पीओके में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का असर अब पाकिस्तान में दिखने लगा है।
इस्लामाबाद (पीटीआई)। भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार पीओके में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक का असर अब पाकिस्तान की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में दिखने लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक रिजवान अख्तर की जल्द ही छुट्टी होने वाली है।
लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर को सितंबर 2014 में आईएसआई का मुखिया बनाया गया था, तब उन्होंने ले. जनरल जहीर-उल-रहमान की जगह ली थी। अख्तर का कार्यकाल तीन साल का है लेकिन समय से पहले ही उनकी विदाई हो सकती है। भारत द्वारा जिस गुप्त तरीके से सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम दिया और इसकी भनक तक पाकिस्तानी खुफिया तंत्र को नहीं लगी उससे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है और उसका खुफिया तंत्र सवालों के घेरे में है।
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पाकिस्तान के अखबार द नेशन ने रक्षा सूत्रों के हवाले से लिखा है, “इस गुप्तचर एजेंसी में बदलाव की प्रक्रिया शुरु हो गई है लेकिन उस बदलाव का वक्त सेना प्रमुख राहिल शरीफ तय करेंगे। शरीफ रिटायर होते हैं या उन्हें सेवा विस्तार मिलता है क्योंकि बिना सेना प्रमुख की मर्जी के इस तरह के बदलाव संभव नहीं है।”
सूत्रों की माने तो कराची के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नावेद मुख्तार इस खुफिया एजेंसी के नए मुखिया हो सकते हैं। हालांकि पाक सेना के मुख्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने आईएसआई के शीर्ष पद पर इस तरह के बदलाव का खंडन किया है।
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पाक रक्षा सूत्रों के मुताबिक, जो भी शख्स कराची और सिंध में काम कर चुका होता है वो रक्षा जरूरतों को बखूबी समझता है। इसलिए नवीद मुख्तार इस दौड़ में सबसे आगे हैं। कुछ दिनों पहले रिजवान अख्तर ने सेवा विस्तार नहीं लेने की घोषणा की थी।
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