UN में ना 'पाक' पुकार, बातचीत न होने के लिए भारत को बताया जिम्मेदार
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान हमेशा भारत को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करता है। लेकिन वो अपने चाल में कामयाब नहीं हो पाता है।

नई दिल्ली(जेएनएन)। यूएन जनरल असेंबली में पाकिस्तान दस्तावेजों के जरिए भारत को घेरने की कोशिश करता है। लेकिन जब उसके खिलाफ भारत की तरफ से सबूत दिए जाते हैं तो वो उन सबूतों की प्रमाणिकता पर ही सवाल खड़ा करता है। घड़ियाली आंसू बहाकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को समझाने की कोशिश करता है कि भारत उस पर तोहमत लगाता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी उसकी दलीलों को दरकिनार कर देती है।
दस्तावेजों के जरिए भारत को घेरा
यूएन जनरल असेंबली में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने कुछ दस्तावेज रखे जिसमें कहा गया है कि भारत ने बातचीत के दरवाजे बंद कर रखे हैं। पाकिस्तान हमेशा से चाहता है कि सार्क रीजन में अमन बहाल हो। मलीहा लोधी ने यूएन जनरल असेंबली के अध्यक्ष पीटर थॉमसन से कहा कि भारत के अड़ियल रूख से सार्क देशों का सम्मेलन संभव नहीं हो सका।
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भारत पर यूएन चार्टर की अनदेखी का आरोप
पाक के दो और दूत मुसाहिद हुसैन और शजरा मनसब अली ने पीटर थॉमसन को कुछ दस्तावेज सौंपे जिसमें कश्मीर में मानवाधिकारों का जिक्र है।इन दोनों दूतों ने यूएन डिपार्टमेंट के पीस कीपिंग मिशन को भी कुछ दस्तावेजों को सौंपा जिसमें कहा गया है कि कश्मीर में यूएन के चार्टर की भारत अनदेखी कर रहा है।
'कश्मीर पर भारत का रुख साफ नहीं'
मलीहा लोधी ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत पूरी बात अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने नहीं रखता है। सच ये है कि अमेरिका को भारत गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर में यूएन ऑब्जर्वर ग्रुप काम कर रहा है। लेकिन भारत कश्मीर में यूएन ऑब्जर्वर ग्रुप को जाने की इजाजत नहीं देता है।भारत के इस कदम से उसकी मंशा साफ हो जाती है।
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