26/11 मामले की सुनवाई कर रहे जज ने मांगी सुरक्षा
इस्लामाबाद। मुंबई पर 2008 में हुए आतंकी हमले समेत कई हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई कर रहे पाकिस्तान की आंतकवाद निरोधी अदालत के जज अतीकुर रहमान को तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों से जान से मारने की धमकी मिल रही है। इन धमकियों के मद्देनजर उन्होंने सरकार से फुलप्रूफ सुरक्षा मांगी है।

इस्लामाबाद। मुंबई पर 2008 में हुए आतंकी हमले समेत कई हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई कर रहे पाकिस्तान की आंतकवाद निरोधी अदालत के जज अतीकुर रहमान को तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों से जान से मारने की धमकी मिल रही है। इन धमकियों के मद्देनजर उन्होंने सरकार से फुलप्रूफ सुरक्षा मांगी है।
यहां पर अदालत पर हुए हमले के बाद सरकार को लिखे पत्र में जज ने अपने लिए और कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले वकीलों को कड़ी सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी। पिछले महीने मुंबई हमलों [26/11] की कोई सुनवाई नहीं हुई थी। आतंकी हमले के खिलाफ वकीलों के बहिष्कार के चलते गत पांच मार्च को होने वाली सुनवाई को 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। आम तौर पर साप्ताहिक तौर पर आयोजित होने वाली सुनवाई सुरक्षा कारणों को लेकर जज के इन्कार के कारण लगातार स्थगित हुई। गत दो अप्रैल को आखिरकार जज आए, लेकिन सुनवाई रावलपिंडी की अदियाला जेल के बजाए अदालत के परिसर में हुई।
सूत्रों ने बताया कि जज को तालिबान से कुछ अन्य मामलों की सुनवाई करने के कारण जान से मारने की धमकी मिल रही है। वह अपने लिए फुलप्रूफ सुरक्षा चाहते हैं। यही वजह है कि पिछले महीने मुंबई हमले की सुनवाई प्रभावित हुई। इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत सात लोग आरोपी हैं। सभी आरोपी जेल में बंद हैं।

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