अभूतपूर्व है वातावरण में बदलाव की रफ्तार
वातावरण में बदलाव की मौजूदा रफ्तार अभूतपूर्व है। ताजा अध्ययन के मुताबिक परिवर्तन की गति पृथ्वी के इतिहास में प्राकृतिक घटनाओं के चलते होने वाले बदलाव ...और पढ़ें

लंदन। वातावरण में बदलाव की मौजूदा रफ्तार अभूतपूर्व है। ताजा अध्ययन के मुताबिक परिवर्तन की गति पृथ्वी के इतिहास में प्राकृतिक घटनाओं के चलते होने वाले बदलाव की तुलना में कहीं अधिक है। इससे कई तरह की समस्याएं भी सामने आ रही हैं।
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल कैबॉट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने 12 करोड़ वर्ष पूर्व वायुमंडल में कार्बन डाइ ऑक्साइड (पीसीओ-2) की मात्रा में बदलाव की स्थिति का अध्ययन किया। इसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि 15 से 20 लाख वर्ष पहले ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से पीसीओ-2 में वृद्धि हुई थी।
डॉ. डेविड नाफ्स ने बताया कि वातावरण में बदलाव और पीसीओ-2 के बढ़े स्तर के चलते समुद्र में अम्लीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई थी। इस वजह से शैवाल का एक समूह ठोस अवस्था में परिवर्तित हो गया। हालांकि, इस प्रक्रिया में सैकड़ों-हजारों साल लगे।
नाफ्स ने बताया कि वातावरण में बदलाव की रफ्तार उस वक्त की तुलना में आज कहीं ज्यादा है। यहां यह गौर करने वाली बात है कि 12 करोड़ वर्ष पहले बदलाव जहां प्राकृतिक वजहों से हुआ था, वहीं मौजूदा समय में हो रहा परिवर्तन मानव जनित है।

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