परमाणु मुद्दे पर भारत से और घनिष्ठता चाहते हैं ओबामा
अमेरिका परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का इंतजार कर रहा है।
वाशिंगटन। अमेरिका परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का इंतजार कर रहा है। वह भारत के साथ परमाणु मुद्दों पर "द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत" होते देखना चाहता है। अमेरिका में 31 मार्च और एक अप्रैल को परमाणु सुरक्षा सम्मेलन होना है जिसमें मोदी समेत विश्वभर के नेता शामिल होंगे।
ओबामा की विशेष सहायक और "वेपंस ऑफ मास डिस्ट्रक्शन टेररिज्म एंड थ्रेट रिडक्शन" मामलों की वरिष्ठ निदेशक लॉरा होलगेट ने कहा, "निश्चित तौर पर हम इस सम्मेलन में शिरकत के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का इंतजार कर रहे हैं। हम इसे ऐसे अवसर के रूप में देख रहे हैं, जिसमें भारत द्वारा अपनी परमाणु सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों को रेखांकित किया जा सकता है।" होलगेट ने कहा, "हम इस सम्मेलन के परिणाम के रूप में भारत के साथ और मजबूत द्विपक्षीय सहयोग देखना चाहेंगे।
जागरुकता बढ़ेगी : भारत
उधर, नई दिल्ली में मोदी के प्रस्थान से पहले एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि सम्मेलन परमाणु आतंकवाद के खतरे और आतंकियों व परमाणु सामग्री के तस्करों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की जरूरत के बारे में उच्चस्तरीय जागरुकता को बढ़ाने में योगदान देगा।
निशस्त्रीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के संयुक्त सचिव अमनदीप सिंह गिल ने कहा, "हमें अपेक्षा है कि यह सम्मेलन परमाणु सामग्री, रेडियोधर्मी स्रोतों, संबंधित प्रतिष्ठानों और तकनीकी सुरक्षा को मजबूत करने के कानूनी, संस्थागत और प्रवर्तन उपायों को बढ़ाने में मदद करेगा।"
डोभाल, राइस ने की क्षेत्रीय व द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने व्हाइट हाउस में अपनी अमेरिकी समकक्ष सुसैन राइस से मुलाकात की। उन्होंने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के साथ दोनों देशों के बीच आतंकवाद रोधी सहयोग की समीक्षा भी की। डोभाल परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के लिए यहां आए हैं। दोनों ने न्यूयार्क और पेरिस में ओबामा व मोदी की पिछले साल की बैठकों में हुए फैसलों पर प्रगति की समीक्षा की भी।
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