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    इराक के हालात से निबटने में लगेगा समय

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    Updated: Sun, 10 Aug 2014 09:19 AM (IST)

    राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी हवाई हमलों ने उन हथियारों को नष्ट कर दिया है जिनका उपयोग इराक के आतंकी कुर्दो के खिलाफ कर सकते थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह खलीफा साम्राज्य बर्दाश्त नहीं करेंगे। इराक संकट के समाधान के बारे में इस्लामिक स्टेट (आइएस) जिससे इराक के बंट जाने का खतरा है, उस संकट को तत्काल खत्म नहीं किया जा सकता।

    बगदाद। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी हवाई हमलों ने उन हथियारों को नष्ट कर दिया है जिनका उपयोग इराक के आतंकी कुर्दो के खिलाफ कर सकते थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह खलीफा साम्राज्य बर्दाश्त नहीं करेंगे। इराक संकट के समाधान के बारे में इस्लामिक स्टेट (आइएस) जिससे इराक के बंट जाने का खतरा है, उस संकट को तत्काल खत्म नहीं किया जा सकता।

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    इस बीच अमेरिकी विमानों ने पहाड़ों पर फंसे इराकी अल्पसंख्यक याजिदी समुदाय के लिए राहत सामग्री गिराए हैं जिन्हें आइएस के आतंकियों ने आदेश दिया है कि या तो इस्लाम कबूल करें या मारे जाएं। अमेरिका की इस पहल के बाद उत्तरी इराक के सिंजर में फंसे करीब 300 याजिदी परिवारों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए ब्रिटेन और फ्रांस ने भी संकल्प लिया है। आइएस आतंकी उनसे महज आधा घंटे की दूरी पर हैं।

    इराक में अमेरिकी विमानों के हमले के एक दिन बाद ओबामा ने कहा कि वहां स्थिरता लाने में बम बरसाने से अधिक समय लगेगा। सुन्नियों को अधिकार देने में नाकामी पर ओबामा ने इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी की आलोचना की। वाशिंगटन में संवाददाता सम्मेलन में ओबामा ने कहा, मैं नहीं समझता कुछ हफ्तों में समस्या समाप्त होने जा रही है। इसमें कुछ समय लगने जा रहा है।

    उत्तरी इराक की बड़ी पट्टी पर आइएस आतंकियों के इस्लामिक स्टेट का कब्जा हो गया है। गैर सुन्नी मुस्लिम बंदियों की हत्या और हजारों लोगों के उस क्षेत्र को छोड़ने के बाद पहली बार उस क्षेत्र में अमेरिका ने वर्ष 2011 में अपनी सेवा की वापसी के बाद वहां पहली बार हवाई हमले किए हैं। ओबामा ने कहा कि अमेरिका इराक और कुर्द लड़ाकों को सैन्य सहायता देना जारी रखेगा लेकिन उन्होंने प्रमुख तेल निर्यातक देश इराक में सभी पक्षों को शामिल करते हुए उसकी अपनी सरकार के गठन की जरूरत को फिर से दोहराया।

    इराक के संघीय और कुर्द बलों ने अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए शनिवार को तैयारी की। पहले दिन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकवादियों पर अमेरिकी हवाई हमले के बाद कुर्दिस्तान स्वायत्त क्षेत्र में एक शीर्ष अधिकारी फय्याद हुसैन ने कहा कि अब फिर लड़ाई का समय आ गया है। हुसैन ने कहा, 'अमेरिकी हमले के बाद कुर्दिश गुरिल्ला संगठन के सदस्य (पेशमर्गा) पहले फिर से संगठित होंगे। इसके बाद इन सदस्यों की वैसे क्षेत्रों में फिर से तैनाती की जाएगी, जहां से वे पीछे हट गए थे। तीसरे नंबर पर विस्थापितों को उनके घर लौटने में मदद करने का काम किया जाएगा।' एक अन्य घटनाक्रम में आइएस के विद्रोही इंजीनियरों को बुलाकर इराक के सबसे बड़े मोसुल डैम की मरम्मत करा रहे हैं। इस डैम पर विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया था। जबकि घबराए हुए कुर्द अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए हथियार एकत्रित करने पर ध्यान दे रहे हैं। वहीं इराक में इस्लामी आतंकियों के खिलाफ अमेरिकी हवाई हमले को सही ठहराते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को कहा कि उनका देश निर्दोष लोगों को नरसंहार से बचाने के लिए हरसंभव हस्तक्षेप करेगा। उन्होंने कहा कि हम खलीफा के राष्ट्र को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ओबामा ने कहा कि जब बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जान को खतरा हो तो अमेरिका इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने लीबिया और यूक्रेन में ज्यादा कुछ न कर पाने का अफसोस भी जताया।

    इराक के ऊपर उड़ान न भरने की घोषणा:

    खाड़ी देशों की दो महत्वपूर्ण विमानन कंपनियों ने ¨हसाग्रस्त इराक के हवाई क्षेत्र में उड़ान न भरने की घोषणा की है। वहीं, तुर्की ने इराक के उत्तरी शहर इबरिल में दोबारा विमान सेवा बहाल कर दी है। इराक में आतंकियों के खिलाफ अमेरिकी लड़ाकू विमानों की कार्रवाई के देखते हुए अबु धाबी की एतिहाद और बहरीन की गल्फ एयर ने इराकी हवाई क्षेत्र के ऊपर उड़ान न भरने की घोषणा की है। गल्फ एयर और एतिहाद ने सुरक्षित हवाई मार्ग से उड़ान भरने का फैसला किया है। इससे पहले दुबई की विमान कंपनी एमिरेट्स ने भी इराक के हवाई क्षेत्र से अपने विमानों के उड़ान पर रोक लगा चुका है।

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