पर्यावरण संरक्षण समझौता कानूनी रुप से बाध्यकारी हो: ओबामा
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए अब कदम उठाने ही होंगे और इसके लिए किए जाने वाले समझौतों पर जो भी देश हस्ताक्षर करेंगे उनके लिए इसे लागू करना कानूनी रूप से बाध्यकारी हो। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए
पेरिस। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए अब कदम उठाने ही होंगे और इसके लिए किए जाने वाले समझौतों पर जो भी देश हस्ताक्षर करेंगे उनके लिए इसे लागू करना कानूनी रूप से बाध्यकारी हो।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस में चल रहा सम्मेलन एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
ओबामा ने कहा कि अमरीका इस समस्या को पैदा करने में अपनी भूमिका को स्वीकार करता है और इससे निपटने के लिए अपनी जिम्मेदारी को लेकर भी वो सजग है।
दुनिया में सबसे ज़्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले देशों में सबसे ऊपर चीन है जबकि दूसरे नंबर पर अमरीका आता है. इसके बाद यूरोपीय संघ, भारत और ब्राजील का नाम आता है।
दुनिया के 147 देशों के नेता पेरिस में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं जिसका मक़सद बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने के लिए एक वैश्विक समझौते पर सहमति क़ायम करना है.
सम्मेलन में मौजूद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर होने वाले समझौते में गरीब देशों के लिए सहायता का प्रावधान भी शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि गरीब देशों को अपनी गरीबी को कम करने और जीवन स्तर को सुधारने का मौका दिया जाना चाहिए।
बहुत से देशों ने पहले ही अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता वाले दस्तावेज सौंप दिए हैं।
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