पहले से ज्यादा शक्तिशाली है उत्तर कोरिया का रॉकेट, अमेरिका भी है इसकी जद में
उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया समेत दूसरे देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रविवार को छोड़े गए रॉकेट की क्षमता 12 हजार किलोमीटर तक की है।
सियोल। उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया समेत दूसरे देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रविवार को छोड़े गए रॉकेट की क्षमता 12 हजार किलोमीटर तक की है। रॉकेट को मिसाइल में परिवर्तित करने पर अमेरिका भी इसकी जद में आ जाएगा।
बता दें कि प्रक्षेपण यान (राकेट) और प्रक्षेपास्त्र (मिसाइल) में खास अंतर नहीं होता। यान के नॉब (अग्र भाग) में सेटेलाइट फिट करने पर यह प्रक्षेपण यान (रॉकेट) के तौर पर काम करता है और विस्फोटक लगाने पर यह मिसाइल बन जाता है। विशेषज्ञों का हालांकि कहना है कि उत्तर कोरिया रॉकेट को मिसाइल में बदलने की तकनीक फिलहाल हासिल नहीं कर सका है। यह रॉकेट दिसंबर, 2012 को प्रक्षेपित उन्हा-3 जैसा ही है। सिर्फ उसकी क्षमता बढ़ा दी गई है। उन्हा-3 की रेंज दस हजार किलोमीटर थी। हालांकि, रक्षा विशेषज्ञ फिलहाल इसका विश्लेषण करने में जुटे हैं। ऐसा माना जाता है कि उत्तर कोरिया इससे भी ज्यादा ताकतवर रॉकेट रॉकेट का प्रक्षेपण कर सकता है।
उत्तर कोरिया के मुताबिक उसने अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट को तय कक्षा में पहुंचाने के लिए परीक्षण किया था। प्योंगयांग के इस कदम से नाराज अमेरिका ने चीन से कड़ा कदम उठाने को कहा है। इसके अलावा अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के सैन्य प्रमुख हालात से निपटने पर बातचीत कर रहे हैं।
कक्षा में लड़खड़ाया सेटेलाइट
उत्तर कोरिया का क्वांगम्योंगसोंग-4 सेटेलाइट ठीक से काम नहीं कर रहा है। अमेरिकी विशेषज्ञों ने बताया कि यह निर्धारित कक्षा में लड़खड़ा रहा है और किसी भी वक्त नीचे गिर सकता है। अधिकारियों ने बताया कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल की तकनीक पर ही सेटेलाइट का प्रक्षेपण किया जाता है। यही वजह है कि अमेरिका उत्तर कोरिया के कदम से तिलमिलाया हुआ है।