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    उत्तर कोरिया ने अमेरिका से आर-पार की लड़ाई लड़ने का किया ऐलान

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jul 2016 08:26 AM (IST)

    अमेरिका द्वारा अपने ऊपर प्रतिबंधों के लगाए जाने के बाद उत्तर कोरिया भड़क गया है। उत्तर कोरिया ने अमेरिका से सीधी लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है।

    नई दिल्ली। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने अमेरिका के खिलाफ आर-पार की तैयारी कर ली है। वो बदला लेने पर आमादा है। अमेरिकी पाबंदियों के खिलाफ किम जोंग ने जंग का ऐलान कर दिया है। इस लड़ाई में अमेरिका को मात देने के लिए उसने तरह-तरह के हथियारों का परीक्षण शुरू कर दिया है।

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    फिलहाल किम जोंग ने पनडुब्बी से मिसाइल दागने की तकनीक डेवलप करने में अपने वैज्ञानिकों को लगा दिया है। लेकिन अभी उसके वैज्ञानिक सबमरीन लांच्ड बैलिस्टिक मिसाइल को पूरी तरह से तैयार नहीं कर पाए थे कि उसने उनका परीक्षण शुरू कर दिया। नतीजा ये है कि उत्तर कोरिया के ज्यादातर मिसाइल नाकाम हो रहे हैं। इसके बावजूद किम जोंग उन आधे-अधूरे मिसाइलों का टेस्ट करने पर आमादा । हर टेस्ट के साथ तानाशाह के चेहरे पर मुस्कान खिलती जा रही है।

    उत्तर कोरिया के सिन्पो नाम के समुद्री तट से छोड़ा गया KN-11 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल अपने लक्ष्य तक पहुंचने से काफी पहले ही फट गया। तानाशाह का मिशन फेल हो गया। लेकिन तानाशाह का विरोध करने की हिम्मत किसमे है।


    अब सवाल उठता है कि आखिर तानाशाह किम जोंग उन क्या सोच रहा है। बीच हवा में मिसाइल फट जाने के बावजूद किस बात की खुशी मना रहा है किंम जोंग उन। दरअसल सनकी तानाशाह सुपर पावर अमेरिका को मुंह चिढ़ा रहा है। वो अमेरिका को जवाब देने की तैयारी कर रहा है। उसने अमेरिका के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है और अपने वैज्ञानिकों को अमेरिकी मिसाइलों के टक्कर का मिसाइल तैयार करने का आदेश दे दिया है। लेकिन इन मिसाइलों को पूरी तरह तैयार नहीं किया जा सका है।

    इसके बावजूद किंम जोंग उन इंतजार करने को तैयार नहीं है। क्योंकि अमेरिका ने उत्तर कोरिया के खिलाफ दक्षिण कोरिया की सीमा पर अपने अत्याधुनिक हथियारों को तैनात कर दिया है और उत्तर कोरिया भी सुपरपावर को जवाब देने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। इसीलिए अधकचरे मिसाइलों को लॉन्च किया जा रहा है। आधी-अधूरी तकनीक पर तैयार हथियारों को टेस्ट किया जा रहा है। चाहें इसमें करोड़ों रुपयों की बर्बादी हो या चाहे टेस्ट के दौरान कोई बड़ा हादसा हो जाए, तानाशाह को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

    अमेरिका ने भी इस खबर पर मुहर लगा दी है कि उत्तर कोरिया ने सबमरीन से बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च किया था, लेकिन वो तय लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका और कई मील पहले बीच हवा में ही फट गया। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता कमांडर ग्रे रॉस ने बयान जारी किया है कि हम उत्तर कोरिया के हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षणों की कड़ी निंदा करते हैं। ये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है, इसके तहत उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण पर रोक लगाई गई है।

    उत्तर कोरिया के सिन्पो समुद्री तट से पहले भी विनाश के हथियारों का परीक्षण होता रहा है। इसलिए भले ही इस बार तानाशाह का मिशन फ्लॉप हो गया हो, लेकिन अमेरिका इसे हल्के में नहीं ले रहा। जिस तरीके से किम जोंग उन लगातार हथियारों का परीक्षण कर रहा है वो खतरे का संकेत है। यही वजह है कि अमेरिका दक्षिण कोरिया की सीमा पर एडवांस्ड एंटी मिसाइल सिस्टम को तैनात करने में जुट गया है।

    नॉर्थ कोरिया कितना शक्तिशाली है?

    नॉर्थ कोरिया दो बड़े न्यूक्लियर पावर देशों रूस और चीन से घिरा हुआ है, दूसरी तरफ साऊथ कोरिया और जापान से घिरा हुआ है तो अपने आप को मजबूत दिखाने के लिए वो हर वक्त परीक्षण करता रहता है, सही मायने मे कितना मजबूत है ये कहना मुश्किल है। हालांकि नॉर्थ कोरिया के पास मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है।

    आशंका है कि किम जोंग अपने मिसाइलों के जरिए परमाणु हथियारों को भी लॉन्च कर सकता है, लिहाजा अमेरिका फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। अमेरिका का कहना है कि उत्तर कोरिया को ऐसी हरकतों से बाज आना चाहिए, इससे पूरे क्षेत्र में तनाव फैलेगा और अंतरराष्ट्रीय करारों में बाधा पहुंचेगी।

    बता दें कि अमेरिका ने उत्तर कोरिया के तानाशाही रवैये के खिलाफ पहले से ही उस पर काफी पाबंदी लगा रखी है, लेकिन पाबंदियों से पीछे हटने के बावजूद किम जोंग ने उसे एक्ट ऑफ वार यानी जंग की शुरुआत करार दिया।

    किम जोंग उन पर प्रतिबंध, उत्तर कोरिया तिलमिलाया

    अमेरिका द्वारा तानाशाह किन पर प्रतिबंध लगाए जाने से वो बुरी तरह तिलमिला गया है। नॉर्थ कोरिया ने इसे 'एक्ट ऑफ वॉर' करार दिया है। वहीं, कतर और पोलैंड ने भी देश में आने वाले नॉर्थ कोरियन वर्कर्स के वीजा को लिमिटेड कर दिया है। इस बीच अमेरिका ने कहा है कि वह साउथ कोरिया के साथ मिलकर 'थाड' मिसाइल सिस्टम तैनात करेगा।

    अमेरिका ने पहली बार लिया किम का नाम


    अमेरिका ने हाल ही में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और 10 अफसरों पर ये कहकर सेंक्शन्स लगा दिए कि ये लोग ह्यूमन राइट्स को कुचल देते हैं। हालांकि, न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर यूएस ने पहले ही नॉर्थ कोरिया पर सेंक्शन्स लगा रखे हैं। - लेकिन, एेसा पहली बार हुआ है कि सीधे तौर पर किम जोंग उन को टारगेट बनाया गया है।इस पर नॉर्थ कोरिया की फॉरेन मिनिस्ट्री ने स्टेटमेंट जारी कर अमेरिका के आरोपों को झूठा बताया।किम का नाम लेने से तिलमिलाए नॉर्थ कोरिया ने कहा कि अमेरिका ऐसा करके जंग का एलान कर दिया है। नॉर्थ कोरिया मिनिस्ट्री का कहना है कि अमेरिका ने ये घिनौना क्राइम किया है।

    डिप्लोमेटिक रिश्ते तोड़ने की बात

    नॉरिथ की ये भी कहना है कि अमेरिका अगर इन सेंक्शन्स को वापस लेता, तो सारे डिप्लोमेटिक रिश्ते तोड़ लिए जाएंगे।- हालांकि, अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच किसी भी तरह का डायरेक्ट डिप्लोमेटिक रिलेशन नहीं है।- अमेरिका, यूएन के नॉर्थ डिप्लोमेटिक मिशन के जरिए उससे कम्युनिकेट करता है।


    कतर-पोलैंड का वीजा देने का विरोध

    वहीं कतर ने भी अपने यहां आने वाले नॉर्थ कोरिया के वर्कर्स के लिए वीजा लिमिटेड कर दिए हैं। करीब 2000 नॉर्थ कोरियन वर्कर्स मिडल ईस्ट देशों में इसलिए काम करते हैं, ताकि उनके देश के न्यूक्लियर वेपन्स और मिसाइल डेवलपमेंट के लिए रुपया इकट्ठा किया जा सके। इस तरह कतर भी नॉर्थ कोरिया पर सेंक्शन्स लगाने वाले देशों में शामिल हो गया है। पोलैंड ने भी नॉर्थ कोरिया वर्कर्स को वीजा देने पर रोक लगा दी है।