विमान का ईंधन बदलने की योजना में नासा
प्रेनासा स्वच्छ हवाई यात्रा के लक्ष्य पर काम कर रही है। इससे वायु प्रदूषण को 75 फीसदी तक कम करने में मदद मिलेगी।
वाशिंगटन, प्रेट्र। नासा स्वच्छ हवाई यात्रा के लक्ष्य पर काम कर रही है। इससे वायु प्रदूषण को 75 फीसद तक कम करने में मदद मिलेगी। अंतरिक्ष एजेंसी ने इसके लिए पांच तरह के ग्रीन टेक्नोलॉजी सिद्धांत का चयन किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके अमल में आने से अगले दशक में विमानन उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल बदलाव लाना संभव हो सकेगा।
इससे वायु प्रदूषण कम करने के अलावा ईधन के इस्तेमाल में कमी लाई जा सकेगी। इन सिद्धांतों का चयन दो साल के अध्ययन के बाद नासा के ट्रांसफॉर्मेटिव एयरोनॉटिक्स कांसेप्ट्स प्रोग्राम के तहत किया गया है। नासा वैज्ञानिकों के मुताबिक इन लक्ष्यों में विद्युत से चलने में सक्षम विमान, इलेक्टि्रक मोटर की क्षमता को बढ़ाने के लिए 3डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल, ऊर्जा संग्रह के लिए लिथियम एयर बैटरी, विमान के डैनों के आकार में बदलाव और एयरक्राफ्ट के एंटीना में हल्के पदार्थ का इस्तेमाल शामिल हैं।
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नासा इनके आधार पर प्रदूषण रहित विमानन की दिशा में काम कर रही है। प्रोग्राम मैनेजर डग रॉन ने बताया कि नासा विमान से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने की दिशा में लगातार काम रही है। नासा के नए मॉडल से जेट विमानों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिल सकती है।
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