आधे से ज्यादा अमेरिकी करते हैं साथी की जासूसी
न्यूयॉर्क। आधे से ज्यादा अमेरिकियों ने अपने साथी की जासूसी करने की बात स्वीकार की है। वे साथी के ई मेल और एसएमएस पढ़ते हैं और सोशल नेटवर्किग साइट्स पर उनका अकाउंट ढूंढते हैं। एक नए सर्वेक्षण के तहत ये बातें सामने आई हैं।
न्यूयॉर्क। आधे से ज्यादा अमेरिकियों ने अपने साथी की जासूसी करने की बात स्वीकार की है। वे साथी के ई मेल और एसएमएस पढ़ते हैं और सोशल नेटवर्किग साइट्स पर उनका अकाउंट ढूंढते हैं। एक नए सर्वेक्षण के तहत ये बातें सामने आई हैं।
यह सर्वेक्षण सीकिंग अरेंजमेंट नाम की वेबसाइट ने कराया है। नतीजों के मुताबिक, सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 22,121 लोगों में से 55 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने साथी की एक बार ही सही, लेकिन जासूसी की है। उन्होंने साथी के ई मेल और एसएमएस देखे हैं। साथ ही निजी जासूसों की मदद ली है। शोधकर्ताओं ने पाया कि एक दूसरे के ई मेल, एमएसएस देखना और सोशल नेटवर्किग पर एक दूसरे का अकाउंट खंगालना जासूसी के आम तरीके हैं।
न्यूयॉर्क डेली न्यूज में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, 18 प्रतिशत लोगों ने अपने साथी का फोन सुना और रिकॉर्ड किया है। वहीं चार प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने अपने साथी की गतिविधियों को जानने के लिए निजी जासूसों का इस्तेमाल किया। सात प्रतिशत ने मोबाइल जीपीएस [ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम] टै्रकर के इस्तेमाल की बात स्वीकार की। जासूसी की बात स्वीकारने वालों में 73 प्रतिशत महिलाएं और 27 प्रतिशत पुरुष हैं। सीकिंग अरेंजमेंट के संस्थापक और सीईओ ब्रैंडन वेड ने कहा कि आजकल के डिजिटल युग में निजता बनाए रखना बहुत मुश्किल है।
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