13 देशों में आतंकियों से लड़ रहे अमेरिकी सैनिक
आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान के तहत अमेरिका ने 13 देशों में सैनिकों की तैनाती कर रखी है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कांग्रेस को सौंपी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने उपकरणों से लैस अपनी लड़ाकू फौजों को अफगानिस्तान, इराक, सीरिया,

वाशिंगटन। आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान के तहत अमेरिका ने 13 देशों में सैनिकों की तैनाती कर रखी है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कांग्रेस को सौंपी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने उपकरणों से लैस अपनी लड़ाकू फौजों को अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, तुर्की, सोमालिया, यमन, जिबूती, लीबिया, नाइजर, कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, मिस्त्र, जॉर्डन और कोसोवो में तैनात कर रखा है।
इन जवानों की तैनाती स्थानीय बलों की आतंकवाद से निपटने की क्षमता बढ़ाने और अभियानों को समर्थन देने के लिए की गई है। अफगान बलों को प्रशिक्षण और परामर्श देने के लिए करीब 10,500 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में हैं। ये सैनिक अल-कायदा के बचे हुए समूहों और उन ताकतों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रहे हैं।
जो अमेरिका और गठबंधन बलों के लिए सीधा खतरा हैं। 3,550 जवान इराक में और करीब 50 सीरिया में हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि सीरिया में आइएस के अलावा अल-कायदा से जुड़े समूहों को भी अमेरिका निशाना बना रहा है। जॉर्डन में करीब दो हजार, कोसोवो में सात सौ, तुर्की में 375, कैमरून में तीन सौ जवानों की तैनाती की बात रिपोर्ट में कही गई है।
आइएस बना सकता है सीरिया का फर्जी पासपोर्ट
आइएस के पास सीरिया का फर्जी पासपोर्ट बनाने की क्षमता संबंधी खबरों की अमेरिका के आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग ने पुष्टि की है। मीडिया रिपोर्टो के अनुसार आइएस की पहुंच सीरियाई सरकार की पासपोर्ट छापने की मशीनों और खाली पासपोर्ट तक है। इससे सीरियाई शरणार्थियों के यात्रा दस्तावेज फर्जी होने की चिंता बढ़ गई है।

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