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    लापता विमान की खोज इतिहास का सबसे कठिन काम

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    Updated: Fri, 04 Apr 2014 12:35 PM (IST)

    पिछले 26 दिनों से लापता मलेशियाई विमान एमएच370 का पता लगाना मानव इतिहास में सबसे कठिन काम हो गया है। यह बात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने ग ...और पढ़ें

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    पर्थ। पिछले 26 दिनों से लापता मलेशियाई विमान एमएच370 का पता लगाना मानव इतिहास में सबसे कठिन काम हो गया है। यह बात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने गुरवार को कही। साथ ही यात्रियों के परिजनों से किए गए वादे को दोहराते हुए कहा कि उनका देश विमान के मलबे को खोजने का अथक प्रयास जारी रखेगा।

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    गुरवार को ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर आए मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एबॉट ने कहा कि यह शायद अब तक की सबसे कठिन खोज है, लेकिन जहां तक ऑस्ट्रेलिया की बात है मलबे को खोजने के लिए हमारे पास जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

    साथ ही कहा कि यह समय नजीब के लिए काफी कठिन है। खोज का दायरा अब उत्तर की ओर बढ़ाया गया है, जो कि दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्र है। उन्होंने यात्रियों के परिजनों से धैर्य रखने को कहा। गत आठ मार्च को लापता हुए विमान के मलबे की तलाश में गुरुवार को आठ विमान और नौ जहाज जुटे रहे। ऑस्ट्रेलियाई समुद्री सुरक्षा प्राधिकरण ने कहा कि मलबे के लिए पर्थ से 1680 किमी दूर पश्चिमोत्तर में 2,23000 वर्ग किमी क्षेत्र में खोजबीन की जा रही है।

    मलेशिया की आलोचना गैर जिम्मेदाराना : चीन ने मलेशिया के लापता विमान में सवार चीनी यात्रियों के परिजनों द्वारा दिए गए बयानों से दूरी बनाई है और उसे गैर जिम्मेदाराना बताया है।

    मलेशिया में चीन के राजदूत हुआंग हुईकांग ने कहा कि कुछ चीनी परिवारों, इंटरनेट यूजर्स और जाने माने लोगों ने कट्टरपंथी विचारों को प्रसारित किया है। यह गैर जिम्मेदाराना विचार चीनी सरकार और चीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। विमान में सबसे ज्यादा 154 चीनी यात्री सवार थे। कुछ परिजनों ने तलाशी अभियान की आलोचना की है। कुछ ने बचाव अभियान देर से शुरू करने के लिए मलेशिया पर उनके अपनों की हत्या करने का आरोप लगाया है। कुछ ने मलेशिया की यात्रा और उसके सामान का बहिष्कार करने की बात कही है।

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