अपनों से ही मुस्लिमों को सबसे बड़ा खतरा
मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहम्मद नजीब बिन तुन हाजी अब्दुल रजाक का मानना है कि मुसलमानों को बाहरी दुनिया से नहीं, बल्कि अपनों से ही सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने दुनियाभर के शांतिप्रिय मुसलमानों से कट्टरपंथियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। मलेशियाई पीएम ने संयुक्त राष्ट्र में दो टूक कहा कि हिंसा फैलाने के लिए इस्लाम का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र। मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहम्मद नजीब बिन तुन हाजी अब्दुल रजाक का मानना है कि मुसलमानों को बाहरी दुनिया से नहीं, बल्कि अपनों से ही सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने दुनियाभर के शांतिप्रिय मुसलमानों से कट्टरपंथियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। मलेशियाई पीएम ने संयुक्त राष्ट्र में दो टूक कहा कि हिंसा फैलाने के लिए इस्लाम का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है।
रजाक का कहना था कि कट्टरपंथ पूरी दुनिया में बेवजह निर्दोष लोगों की बलि ले रहा है और आगे बढ़ने के अवसरों को समाप्त कर रहा है। मलेशिया के प्रधानमंत्री के अनुसार, 'वैसे तो कट्टरपंथ सबको प्रभावित कर रहा है लेकिन इसके चलते इस्लाम धर्म में आस्था रखने वाले सबसे ज्यादा नुकसान उठा रहे हैं।' मुसलमानों के अच्छे भविष्य के लिए रजाक ने कट्टरपंथियों के खिलाफ जंग छेड़ने की अपील की।
कट्टरपंथी विचारधारा को परास्त करने के लिए उन्होंने आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया। शनिवार को संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन को संबोधित करते हुए रजाक ने कहा, 'मेरा मानना है कि मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा खतरा आज बाहर से नहीं है बल्कि उनके अंदर से ही है।' उनका कहना था कि शिया और सुन्नी के बीच के संघर्ष ने सीरिया और लेबनान से लेकर इराक और पाकिस्तान के लाखों मुसलमानों की जिंदगी और आजीविका को खतरे में डाल रखा है।
प्रधानमंत्री रजाक के मुताबिक कट्टरपंथी अपने फायदे के लिए शांति और सहिष्णुता के सिद्धांत पर आधारित इस्लाम धर्म की व्याख्या तोड़मरोड़ कर करते हैं। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों को हाशिये पर लाया जा सकता है। इसके लिए संयम और प्रतिबद्धता की जरूरत है जो इस्लाम में है। उन्होंने आगाह किया कि संयम को हमारी कमजोरी नहीं समझना चाहिए।
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