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    किम जोंग नैम की हत्‍या में दो महिलाओं को बनाया आरोपी, मिल सकती है मौत की सजा

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Wed, 01 Mar 2017 10:37 AM (IST)

    किम जोंग नैम की हत्‍या के मामले में मलेशिया की कोर्ट ने दो महिलाओं को आरोपी बनाया है। आरोप साबित होने की सूरत में उन्‍हें सजा ए मौत दी जा सकती है। ...और पढ़ें

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    किम जोंग नैम की हत्‍या में दो महिलाओं को बनाया आरोपी, मिल सकती है मौत की सजा

    उत्‍तर कोरिया के भाई किम जोंग उन के सौतेले भाई किम जोंग नैम की हत्‍या के मामले में मलेशिया की कोर्ट ने दो महिलाओं को आरोपी बनाया है। इस हमले में नैम की महज 20 मिनट के भीतर मौत हो गई थी। आरोपी बनाई गई दोनों महिलाओं में से एक इंडोन‍ेशिया तो दूसरी वियतनाम की है। आरोप साबित होने पर उन्‍हें इस मामले में मौत की सजा हो सकती है। नैम के ऊपर यह हमला उस वक्‍त हुआ था जब 13 फरवरी को वह कुआलांमपुर से मकाऊ जाने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद थे। उसी वक्‍त एक महिला ने पीछे से आकर उनके मुंह के ऊपर एक खतरनाक पाउडर डाल दिया था, जिसके चलते उनकी तुरंत ही मौत हो गई थी।

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    नर्व एजेंट वीएक्स का किया गया इस्‍तेमाल

    उनकी मौत को लेकर संभावना जताई गई है कि उन्हें ऐसा जहर दिया गया था जिसने उन्हें लकवाग्रस्त कर दिया था। ऐसे में विष के प्रभाव से उनके अंग संचालित नहीं हो पाए और उन्होंने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद लगभग 20 मिनट में उनकी मृत्यु हो गई थी। यह भी कहा गया कि किम जोंग नाम के चेहरे पर नर्व एजेंट वीएक्स छिड़का गया था जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम सदाशिवम ने जानकारी देते हुए कहा कि किम जोंग नाम को खतरनाक जहर देने की बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई।

    घटनास्थल से खतरनाक पाउडर के मिलने की पुष्टि

    इस मामले में अब तक हुई जांच के बाद सरकारी रसायन विभाग ने भी वीएक्स तत्व के घटनास्थल से मिलने की पुष्टि की है। साथ ही अस्पताल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इस तरह की बात कही गई थी कि उनकी मौत के लिए कोई रासायनिक पदार्थ के प्रभाव का प्रयोग किया गया था।

    स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने भी की पुष्टि

    स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कहा गया कि कुआलालंपर हवाई अड्डे पर यह स्पष्ट कर दिया गया कि 13 फरवरी को नैम के चेहरे पर इस रासायनिक तत्व का छिड़काव किया गया। हालांकि हत्या की जांच के बाद घटनास्थल को साफ कर दिया गया और फिर विभिन्न दलों ने यह तय किया कि यहां पर किसी तरह का हानिकारक तत्व या फिर रेडियोधर्मी पदार्थ न छूट जाए जिससे अन्य लोगों को परेशानी हो।