यूएन ने असांजे के गिरफ्तारी प्रयास को गलत बताया
विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के बारे में संयुक्त राष्ट्र का महत्वपूर्ण फैसला आया है। अवैध हिरासत के मामलों पर नजर रखने वाले संगठन के पैनल ने असांजे की गिरफ्तारी के प्रयासों को गलत बताया है।

लंदन। विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के बारे में संयुक्त राष्ट्र का महत्वपूर्ण फैसला आया है। अवैध हिरासत के मामलों पर नजर रखने वाले संगठन के पैनल ने असांजे की गिरफ्तारी के प्रयासों को गलत बताया है। पैनल ने कहा है कि असांजे को इक्वेडोर दूतावास से बाइज्जत मनचाही जगह पर जाने की अनुमति दी जाए।
साथ ही साढ़े तीन साल की अवैध हिरासत अवधि के लिए असांजे को मुआवजा भी दिया जाए। लेकिन ब्रिटेन और स्वीडन ने यूएन पैनल के निर्णय को तवज्जो न देते हुए पूर्वस्थिति में बने रहने की बात कही है। असांजे को अमेरिका के लाखों गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के लिए जाना जाता है। उन पर स्वीडन में एक दुष्कर्म का मामला भी दर्ज है।
माना जाता है कि दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए असांजे ब्रिटेन आए लेकिन वहां पर किसी तरह की कूटनीतिक मदद न मिलने पर उन्होंने लंदन स्थित इक्वेडोर दूतावास में शरण ले ली। असांजे के अनुसार दुष्कर्म के झूठे मामले में गिरफ्तार करके ब्रिटेन की उन्हें स्वीडन को प्रत्यर्पित करने की योजना है।
वहां से उन्हें अमेरिका के हवाले कर दिया जाएगा, जहां गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करने के मामले में उन पर मुकदमा चलेगा। संयुक्त राष्ट्र पैनल के फैसले को महत्व न देते हुए ब्रिटेन ने कहा है कि असांजे इक्वेडोर दूतावास में अपनी इच्छा से गए थे, इसलिए यह किसी तरह की हिरासत का मामला नहीं है। उन्हें वहां से बाहर आते ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सन 2012 से इक्वेडोर दूतावास में रह रहे असांजे ने इसे कैद की संज्ञा देते हुए संयुक्त राष्ट्र के पैनल को प्रार्थना पत्र भेजा था। इसी पर सुनवाई करते हुए पैनल ने शुक्रवार को अपना फैसला दिया है। ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे ने पैनल के समक्ष खुद को राजनीतिक शरणार्थी के रूप में पेश किया था।
असांजे ने कहा था कि पैनल का फैसला अगर उनके विरोध में आता है तो वह लंदन पुलिस के समक्ष खुद को गिरफ्तारी के लिए प्रस्तुत कर देंगे।

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