जो हमें खत्म करने की चुनौती देते हैं, वो हमसे दातून भी नहीं छीन सकते: जैश-ए-मोहम्मद
आइएसआइ और आतंकी संगठन जैश के संबंधों के बारे में पूरी दुनिया जानती है। पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद जैश ने कहा कि वो अपनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे।
नई दिल्ली। जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ में गहरा गठजोड़ है, ये सच पूरी दुनिया जानती है। भारत की खुफिया एजेंसी लगातार इस बात के पुख्ता सबूत देती रही हैं कि आतंकी संगठन जैश आइएसआइ की मदद से भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहा है। लेकिन पाकिस्तान सरकार बार बार पुख्ता साक्ष्य की आड़ में दुनिया को ये संदेश देती है कि वो किसी भी आतंकी संगठन को संरक्षण नहीं दे रही है। लेकिन सच कुछ और है। सिलिसिलेवार कुछ घटनाओं और साक्ष्यों से आप समझ सकते हैं कि पाकिस्तान न केवल जैश को संरक्षण दे रहा है बल्कि भारत विरोध के एजेंडे को बढा़ने में जैश के कैडर को मजबूत भी कर रहा है।
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पठानकोट एयरबेस पर हमले से ठीक पहले डेरा इस्माइल खान में जैश के ठिकाने पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में जिहादियों की जमकर प्रशंसा की गयी, कुरानिक एरा में उहुद लड़ाई का जिक्र कर भारत के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संदेश दिया गया। जैश मुखिया मसूद अजहर के भाई अब्दुल रउफ अजहर ने कहा कि जो लोग हमें जिहाद खत्म करने की चुनौती देते हैं, वो हमारे मुंह से लकड़ी की दातून भी नहीं छीन सकते।
जैश के मंसूबों के बारे में दुनिया की तमाम खुफिया एजेंसियों के पास है। वीडियो, ऑडियो और उनके साहित्य से ये साफ होता है कि आइएसआइ और पाक सेना के संरक्षण में जैश तेजी से पांव पसार रहा है। जैश की फंडिंग के बारे में बताया गया है कि हार्ड कैश के जरिए 16 एकड़ में बन रहे बहावलपुर मेें जैश के हेडक्वार्टर में उन तमाम जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं जिससे पूर्ण रूप से लडा़ई को अंजाम दिया जा सके।
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