सीरियाई सेना को मिली बड़ी कामयाबी, आइएस से मुक्त हुआ मनबिज,
सीरियाई सेना ने मनबिज शहर को इस्लामिक स्टेट के चंगुल से मुक्त करा लिया है। वहीं अलेप्पो में अल नुसरा की स्थिति और मजबूत हो गई है।
बेरुत (राॅॅयटर)। सीरिया का मनबिज शहर इस्लामिक स्टेट (आइएस) के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है। वहीं, अलेप्पो में सेना और विद्रोहियों के बीच जारी भीषण लड़ाई का फायदा उठाते हुए अल-नुसरा ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक अमेरिकी हवाई हमलों की मदद से सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्स (एसडीएफ) ने मनबिज के ज्यादातर हिस्सों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है।
एसडीएफ के प्रवक्ता शरफान दारविश ने बताया कि शहर के नब्बे फीसद इलाकों पर उनके लड़ाकों का नियंत्रण है। शेष हिस्से से आतंकियों को खदेड़ने के लिए लड़ाई जारी है। 31 मई को अरब और कुर्द लड़ाकों की मदद से एसडीएफ ने उत्तरी सीरिया के इस शहर को आइएस के चंगुल से मुक्त कराने का अभियान शुरू किया था है। यह शहर तुर्की की सीमा को आइएस की स्वयंभू खिलाफत की राजधानी रक्का से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। जून में भी एसडीएफ के लड़ाके शहर में दाखिल होने में कामयाब रहे थे। लेकिन, इसके बाद आतंकियों ने ताबड़तोड़ आत्मघाती और कार बम धमाकों से उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था।
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दूसरी ओर, अलेप्पो में दो सैन्य अकादमी पर जबाहत फतेह अल शाम ने कब्जा कर लिया है, जबकि तीसरे पर कब्जे को लेकर लड़ाई जारी है। हाल ही में अल-कायदा से रिश्ता तोड़ने की घोषणा करने वाले अल-नुसरा को अब जबाहत के नाम से जाना जाता है। हालांकि सीरिया की सरकारी टीवी के अनुसार तीनों जगहों पर लड़ाई चल रही है। ऑब्जरवेटरी ने बताया है कि अलेप्पो में इस हफ्ते लड़ाई में पांच सौ से ज्यादा सैनिक और विद्रोही मारे गए हैं। कम से कम 130 नागरिकों की भी मौत हुई है। इनमें ज्यादातर सरकार के कब्जे वाले इलाकों में विद्रोहियों की गोलाबारी में मारे गए हैं।
गौरतलब है कि सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता के खिलाफ मार्च 2011 में शुरू हुआ आंदोलन बाद कुछ ही दिनों में हिंसक हो गया था। इसका फायदा उठाकर आइएस और अल नुसरा जैसे आतंकी संगठनों ने देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। पांच साल से ज्यादा समय से जारी हिंसा में दो लाख 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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