आइएसआइ को पता था मुल्ला उमर मर गया
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर के मरने की बात मालूम थी, लेकिन अमेरिका से यह जानकारी साझा नहीं की गई। वर्ष 2009-13 के ...और पढ़ें

वाशिंगटन। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर के मरने की बात मालूम थी, लेकिन अमेरिका से यह जानकारी साझा नहीं की गई। वर्ष 2009-13 के बीच अफगानिस्तान और पाकिस्तान मामलों के उपसहायक रक्षामंत्री रहे डेविड सेडनी ने यह दावा किया है।
मुल्ला उमर की मौत कराची के एक अस्पताल में 23 अप्रैल, 2013 को हो गई थी, लेकिन यह खबर इसी महीने उजागर हुई। इसके बाद इसकी पुष्टि अमेरिका और अफगानिस्तान ने की। पाकिस्तान तालिबान आतंकी के मरने की खबर होने से लगातार इन्कार करता रहा। सेडनी इस्लामाबाद के इस दावे से कतई सहमत नहीं।
उन्होंने कहा, मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि पाकिस्तान की सरकार और आइएसआइ के कुछ उच्च-पदस्थ लोग उमर की मौत से भलीभांति अवगत थे। सेडनी ने कहा, 'अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अमेरिका हर जगह के लोग यही पूछ रहे हैं कि आखिर यह कैसे और क्यों हुआ?
मेरी समझ में इस तरह की चालाकी उच्च पेशेवर खुफिया कौशल को दर्शाती है। ऐसा कोई मामला नहीं दिखता जिसमें संगठन के मुखिया के मरने की खबर को इतने समय तक गोपनीय रखा गया हो।'
सेडनी के मुताबिक यह अमेरिका व पाकिस्तान के बीच खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान से जुड़े समझौते का उल्लंघन है। इसके अलावा अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की भी विफलता है कि वह तालिबान के अंदर की खबर और पाकिस्तान से यह सूचना हासिल नहीं कर सकी।

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