अमेरिका में भारतीय राजनयिक को सरेआम लगाई गई हथकड़ी
न्यूयॉर्क। अमेरिका में वीजा धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार की गई भारत की उप महावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागडे को शुक्रवार को जमानत मिलने से पहले सरेआम हथकड़ी लगाई गई थी। उन पर न्यूयार्क में अपने घर पर बच्चों की देखभाल के लिए एक भारतीय नौकरानी के वीजा आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है।
न्यूयॉर्क। अमेरिका में वीजा धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार की गई भारत की उप महावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागडे को शुक्रवार को जमानत मिलने से पहले सरेआम हथकड़ी लगाई गई थी। उन पर न्यूयार्क में अपने घर पर बच्चों की देखभाल के लिए एक भारतीय नौकरानी के वीजा आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है।
न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के शीर्ष अभियोजक भारतीय मूल के प्रीत भरारा ने देवयानी के खिलाफ वीजा धोखाधड़ी और वीजा आवेदन में गलत जानकारी देने के आरोपों की घोषणा की थी। गुरुवार सुबह नौ बजे उन्हें कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने उस समय गिरफ्तार किया जब वह अपनी बेटी को छोड़ने स्कूल गई थी। फिर उन्हें संघीय अदालत के समक्ष पेश किया गया। उनके वकील ने दलील दी कि उनकी मुवक्किल पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता क्योंकि राजनयिक अधिकारी होने के कारण उन्हें छूट मिली हुई है। जिसके बाद उन्हें ढाई लाख डॉलर (करीब 1.55 करोड़ रुपये) के मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
मामले की अगली सुनवाई आगामी 13 जनवरी को होगी। उन पर वीजा धोखाधड़ी और वीजा आवेदन में गलत जानकारी देने के आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों में दोषी साबित होने पर उन्हें क्रमश: दस साल और पांच साल की सजा हो सकती है।
39 वर्षीय देवयानी ने अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करा दिया है। जज ने कहा वह देश छोड़कर नहीं जा सकती, लेकिन अमेरिका में यात्रा कर सकती हैं मगर इसके लिए उन्हें पहले जानकारी देनी होगा। देवयानी को पिछले साल ही न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास में तैनाती मिली थी। इससे पहले वह जर्मनी, इटली और पाकिस्तान में तैनात रह चुकी हैं।
क्या है मामला
भारतीय दूतावास के मुताबिक देवयानी की पूर्व नौकरानी संगीता रिचर्ड द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। मैनहटन की संघीय अदालत में दायर 11 पन्नों की आपराधिक शिकायत के मुताबिक दो बेटियों की मां देवयानी ने अमेरिका के विदेश विभाग के कौंसुलर इलेक्ट्रानिक एप्लीकेशन सेंटर में ऑनलाइन ए-3 वीजा के लिए आवेदन किया। यह अमेरिकी वीजा घरेलू कामगारों के लिए है। वीजा आवेदन में देवयानी ने नौकरानी को 4500 डॉलर (करीब 2.79 लाख रुपये) तनख्वाह देने की बात कही थी।
अमेरिकी नियम के तहत देवयानी को नौकरानी को प्रतिघंटे काम के लिए न्यूनतम 9.75 डॉलर (करीब 650 रुपये) देना था। नौकरानी ने पिछले साल नवंबर से लेकर इस साल जून तक उनके घर पर काम किया। मगर उसे प्रति घंटे 3.31 डॉलर का ही भुगतान किया गया।
भारतीय दूतावास के मुताबिक संगीता गत जून से फरार है। इस संदर्भ में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी किया था जिसके जरिए संगीता पर रोजगार के नियम एवं शर्तो के आधार पर भारत के बाहर देवयानी के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू करने पर रोक लगाई गई थी। भारत ने अमेरिकी सरकार से संगीता को ढूंढ़ने और गिरफ्तार करने में मदद करने का आग्रह किया गया था। गौरतलब है कि राजनयिक ए-3 वीजा पर नौकर ला सकते हैं। उन्हें नौकरों को उचित वेतन देने के संबंध में प्रमाण पत्र सौंपना होता है।
दूतावास ने जताई चिंता
वाशिंगटन में भारतीय दूतावास द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिकी पक्ष से संबंधित अधिकारी के राजनयिक स्तर को ध्यान में रखते हुए मामले को संवेदनशीलता के साथ सुलझाने को कहा गया है। उनकी गिरफ्तारी की खबर मिलने पर यहां पर तैनात भारतीय राजनयिक सन्न रह गए। उन्होंने देवयानी की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
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