अफगानिस्तान: आतंकियों ने भारतीय लेखिका सुष्मिता की बेदर्दी से की हत्या
भारतीय मूल की लेखिका सुष्मिता बनर्जी की बृहस्पतिवार को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। 1994 में तालिबान के चंगुल से नाटकीय ढंग से बच निकलने वाली बनर्जी की जीवनी पर फिल्म भी बन चुकी है।
काबुल। भारतीय मूल की लेखिका सुष्मिता बनर्जी की बृहस्पतिवार को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। 1994 में तालिबान के चंगुल से नाटकीय ढंग से बच निकलने वाली बनर्जी की जीवनी पर फिल्म भी बन चुकी है।
बीबीसी के अनुसार, पक्तिका प्रांत की राजधानी खरना में 49 वर्षीय बनर्जी को उनके घर के बाहर ही मार डाला गया। उन्होंने अफगान व्यापारी जांबाज खान से शादी की थी और हाल में ही वह उनके साथ रहने के लिए अफगानिस्तान लौटी थीं। तालिबान आतंकियों ने घर में उनके पति और परिवार के अन्य सदस्यों को बांध दिया और बनर्जी को घर से बाहर लाकर गोली मार दी। इसके बाद शव को आतंकियों ने समीप के एक धार्मिक स्कूल में फेंक दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य सेविका के रूप में काम करने वाली बनर्जी, सईद कमला के नाम से भी जानी जाती थीं। हमले की किसी भी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
वर्ष 1995 में बनर्जी द्वारा लिखी गई किताब 'एक काबुलीवालाज बेंगाली वाइफ' काफी लोकप्रिय हुई थी और भारत में बेस्टसेलर बनी थी। उनकी यह किताब अफगानिस्तान में उनके पति के साथ बिताए गए जीवन और तालिबान के चंगुल से फरार होने की घटना पर केंद्रित है। वर्ष 2003 में बनर्जी की किताब पर बालीवुड में अभिनेत्री मनीषा कोइराला अभिनीत 'एस्केप फ्राम तालिबान' फिल्म बनी थी।
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