वाशिंगटन: परमाणु सुरक्षा कोष के लिए भारत देगा 1 मिलियन डॉलर
परमाणु आतंकवाद के खतरे पर चर्चा के लिए अमेरिका में एकत्र हुए 50 देशों के नेताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष प्रहार किया।
वाशिंगटन: परमाणु आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए आयोजित दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भारत की तरफ से आईएईओ को परमाणु सुरक्षा कोष के लिए एक मीलियन डॉलर देने की घोषणा की गई है। इस बात का ऐलान विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमनदीप सिंह गिल ने किया।
इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि परमाणु के खतरे से बचने के लिए दुनिया ने कई अहम कदम उठाए हैं।
परमाणु आतंकवाद के खतरे पर चर्चा के लिए अमेरिका में एकत्र हुए 50 देशों के नेताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और परमाणु तस्करों के साथ काम करने वाले सरकारी तंत्र (देश) ही इस समय परमाणु सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।
उन्होंने विश्व के नेताओं को गुरु मंत्र देते हुए कहा कि अब आतंकवाद को किसी और की समस्या समझने का रवैया नहीं चलेगा। उनका आतंकवाद मेरा आतंकवाद नहीं का रुख भी छोड़ना होगा।
दो दिवसीय चौथे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तरफ से दिए गए रात्रि भोज में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद का नेटवर्क पूरी दुनिया में फैल चुका है। लेकिन हम अभी भी उससे सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर ही निपटने की कोशिश कर रहे हैं। परमाणु सुरक्षा हरेक देश के लिए राष्ट्रीय वरीयता पर होनी चाहिए। सभी देशों को इस विषय में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करना चाहिए।
हाल के ब्रसेल्स आतंकी हमले का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि इससे साफ है कि आतंकवाद से परमाणु सुरक्षा के लिए कितना बड़ा और वास्तविक खतरा है। आज आतंकवाद अतिवादी हिंसा का इस्तेमाल करके अपनी ताकत को बढ़ाचढ़ा कर दिखाता है। समकालीन आतंक की यही पहली पहचान है।
दूसरे, हमें यह भी याद रखना होगा कि अब हम गुफा में रहने वाले एक आदमी की तलाश नहीं कर रहे। बल्कि हमें उन आतंकियों की धरपकड़ करनी है जो शहरों में कंप्यूटर या स्मार्टफोन के साथ रहते हैं। मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर आतंकवाद की तीसरी पहचान बताते हुए कहा कि परमाणु तस्करों और आतंकवादियों के साथ गठजोड़ करने वाले सरकारी तंत्र (देश) मौजूदा समय में सबसे बड़ा खतरा हैं।
विश्व को आतंकवाद से हर तरह के खतरे का हिसाब देते हुए मोदी ने कहा कि आतंक बढ़ गया है और आतंकवादी 21वीं सदी की तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन उनसे निपटने के हमारे तरीके अभी भी पुरातन हैं। आतंकियों की पहुंच और उनका आपसी जुड़ाव वैश्विक है। लेकिन इससे निपटने के लिए विभिन्न देशों के बीच में ऐसा कोई सार्थक सहयोग नहीं है।
मोदी वहां पर कनाडा के अपने समकक्षीय प्रधानमंत्री जस्टिन त्रिड्यू से वाशिंगटन में मिलकर द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्बाचा की।PM Narendra Modi meets Prime Minister of Canada Justin Trudeau for a bilateral meet in Washington D.C. #ModiInUS pic.twitter.com/f1NRP9nkMh
— ANI (@ANI_news) April 1, 2016
ओबामा और मोदी गुरुवार को व्हाइट हाउस में हुए रात्रि भोज के दौरान अगल-बगल बैठे और काफी देर तक एक-दूसरे से अनौपचारिक मंत्रणा करते नजर आए। हालांकि ओबामा के दाईं ओर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग बैठे थे लेकिन केमेस्ट्री मोदी और ओबामा के बीच ही नजर आई। मोदी ने परमाणु सुरक्षा की पहल करने पर अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ करते हुए कहा कि ओबामा की विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए। परमाणु सुरक्षा पर ध्यान खींचकर ओबामा ने वैश्विक सुरक्षा के लिए महान कार्य किया है।
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