जकार्ता में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, तीन संदिग्ध गिरफ्तार
इंडोनेशिया पुलिस ने जकार्ता धमाकों के सिलसिले में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता गुरुवार को सिलसिलेवार धमाकों और गोलीबारी से दहल उठी। आतंकियों ने एक के बाद एक छह धमाके किए थे।
जकार्ता। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में कल हुए सीरियल धमाकों के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। संदिग्ध लोगों और ठिकानों की पुलिस बारीकी से जांच कर रही है। इससे पहले इंडोनेशिया पुलिस ने जकार्ता तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था । राजधानी जकार्ता गुरुवार को सिलसिलेवार धमाकों और गोलीबारी से दहल उठी। आतंकियों ने एक के बाद एक छह धमाके किए। हमलों में एक पुलिस अधिकारी और कनाडा के एक नागरिक की मौत हो गई। हॉलैंड के एक नागरिक सहित 17 अन्य घायल हो गए। पांच हमलावर मारे गए, जबकि दो को दबोचने में पुलिस सफल रही। आइएस ने हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि उसके निशाने पर विदेशी नागरिक और सुरक्षा बल थे।
हमला मध्य जकार्ता के थामरिन स्ट्रीट इलाके में हुआ। इस इलाके में संयुक्त राष्ट्र का दफ्तर और कई दूतावास मौजूद हैं। सबसे पहले धमाका स्टारबक्स कैफे के बाहर हुआ। इससे वहां आग लग गई। फिर करीब के शरीना शॉपिंग सेंटर के पास पुलिस पोस्ट के बाहर दो हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। पुलिस के मौके पर पहुंचते ही अन्य हमलावरों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। करीब तीन घंटे तक इस इलाके में गोलियों की आवाज सुनाई पड़ती रही।
जकार्ता के पुलिस प्रमुख ने बताया कि आइएस से जुड़े इंडोनेशियाई नागरिक बाहरुन नईम ने हमले की साजिश रची थी। आतंकरोधी पुलिस इस आतंकी संगठन से जुड़े 20 संदिग्धों की तलाश कर रही है। राष्ट्रपति जोको विदोदो ने हमले की निंदा करते हुए लोगों से शांत रहने की अपील की है। जुलाई 2009 में जकार्ता के रिट्ज और मैरियट होटल में हुए बम धमाके के बाद जकार्ता में यह पहला बड़ा हमला है। पेरिस हमलों के बाद आइएस की ओर से मिली धमकियों के कारण इंडोनेशिया पहले से ही अलर्ट पर था।
गौरतलब है कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में रहती है। दक्षिण-पूर्व एशिया की यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यहां पहले भी मुस्लिम कट्टरपंथी हमलों को अंजाम देते रहे हैं। सबसे भीषण हमला 12 अक्टूबर 2002 को बाली के एक नाइटक्लब में हुआ था। इस हमले में 202 लोगों की जानें गई थीं, जिनमें ज्यादातर सैलानी थे। इसके बाद इंडोनिशयाई पुलिस ने देशभर में अभियान चलाकर कट्टरपंथियों के घरेलू नेटवर्क को तोड़ दिया था।
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