पाकिस्तान से हिंदू कर सकते हैं पलायन
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं के बीच एक हिंदू विधायक ने देश की नई सरकार से अपने समुदाय के लोगों के पलायन की आशंका जताई है। साथ ही उनके अधिकारों की रक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कानून बनाने का आह्वान किया है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं के बीच एक हिंदू विधायक ने देश की नई सरकार से अपने समुदाय के लोगों के पलायन की आशंका जताई है। साथ ही उनके अधिकारों की रक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कानून बनाने का आह्वान किया है।
थारपरकर से सिंध विधानसभा के लिए चुने गए एकमात्र गैर मुस्लिम महेश मलानी ने देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह हिंदुओं के खिलाफ भेदभाव बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भेदभाव के चलते ही हिंदुओं को सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने मलानी के हवाले से कहा, 'हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दों के कारण समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है, जिसके चलते वे भारत पलायन करने को मजबूर हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार के रूप में गत 11 मई को संपन्न हुए चुनाव में जीत हासिल करने वाले मलानी 2008 से ही हिंदू विवाह पंजीकरण को लेकर कानून बनाए जाने को लेकर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं को हल करने के लिए नई सरकार को हर जिले में समितियों का गठन करना चाहिए। इन समितियों में मुसलमान, गैर मुसलमान और इस्लामिक विचारधारा की परिषद के सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए। इन्हें ही जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह से संबंधित मामलों को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं के लिए गरीबी सबसे बड़ा कारण है। खास तौर पर सिंध में जहां हिंदुओं की बड़ी आबादी रहती है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले साल सितंबर से करीब एक हजार हिंदू परिवार भारत पलायन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि इनमें कुछ वहां जाने में सफल भी हो गए हैं। इस घटना ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की पाकिस्तान की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हरे रामा फाउंडेशन के रमेश जयपाल ने कहा कि सिंध के साथ लगती राजस्थान के जोधपुर जिले की सीमा में कई हिंदू कल्याण संगठन पाकिस्तानी प्रवासियों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं। सिंध विधानसभा में इस समय नौ, पंजाब विधानसभा में आठ और बलूचिस्तान और खैबर परख्तूनख्वा प्रांत में तीन-तीन विधायक अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर