दक्षिण कोरिया की डूबती नाव से छात्रों ने भेजे थे मर्मस्पर्शी संदेश
दक्षिण कोरिया में बुधवार को डूबी नाव पर मौजूद हाई स्कूल के छात्रों ने अंतिम क्षणों में अपने परिजनों को भय, प्यार और निराशा भरे ऐसे संदेश भेजे थे जिन्हें पढ़कर मौत के उस मंजर की भयावहता को आसानी से समझा जा सकता था। हादसे के समय नाव पर 470 लोग सवार थे।
सियोल। दक्षिण कोरिया में बुधवार को डूबी नाव पर मौजूद हाई स्कूल के छात्रों ने अंतिम क्षणों में अपने परिजनों को भय, प्यार और निराशा भरे ऐसे संदेश भेजे थे जिन्हें पढ़कर मौत के उस मंजर की भयावहता को आसानी से समझा जा सकता था। हादसे के समय नाव पर 470 लोग सवार थे।
हादसे के बाद से करीब 300 लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। इनमें ज्यादातर हाई स्कूल के छात्र हैं जो देश के प्रसिद्ध दक्षिणी जेजू द्वीप पर छुंट्टी मनाने जा रहे थे। नाव के एक तरफ झुक जाने के बाद शिन योंग जिन नाम के छात्र ने अपनी मां को एसएमएस में लिखा था, 'शायद मैं यह फिर कभी न कह पाऊंगा। मां, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।' दूसरी तरफ अपने बेटे पर आई मुसीबत से अनजान मां ने भी एसएमएस के जबाव में लिखा,'मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं, बेटा।' शिन उन 179 खुशनसीब यात्रियों में है जिसे हादसे के बाद बचा लिया गया लेकिन 16 वर्षीय किम वुंग उतना भाग्यशाली नहीं रहा। उसने एसएमएस करके अपने बड़े भाई से मदद मांगी थी। उसने लिखा था, 'भइया, मेरा कमरा 45 डिग्री पर झुक गया है। मेरा मोबाइल भी ठीक से काम नहीं कर रहा। मेरी मदद करो।' अपने भाई को आश्वस्त करने के लिए बड़े भाई ने भी एसएमएस में लिखा, 'मैं जरूर मदद करूंगा। मैं रास्ते में हूं। तुम परेशान मत हो और सिर्फ वही करो, जो चालक दल के सदस्य करने को कह रहे हैं। सब ठीक हो जाएगा।' इसके बाद किम और उनके बड़े भाई के बीच कोई बात नहीं हो पाई। किम लापता है।
नाव पर मौजूद चालक दल के सदस्यों ने नाव के डूबने के समय यात्रियों को वहीं रुके रहने का विवादित आदेश दिया था जिसे लेकर यात्रियों में खासा आक्रोश है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इन आदेशों के कारण ही यात्री पानी से घिर गए। उनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं था। मौत के इस मंजर का सामना कर रही 18 साल की छात्रा ने पिता को ढांढस बंधाते हुए एसएमएस किया था, 'डैडी, आप परेशान मत हो। मैंने जीवन रक्षक जैकेट पहनी हुई है और मैं दूसरी लड़कियों के साथ नाव के अंदर ही हूं।'
सिवोल नाम की यह नाव बुधवार को संकट का संकेत भेजने के दो घंटे बाद डूब गई थी। टेलीविजन पर दिखाए गए फुटेज में खौफजदा यात्रियों को जीवन रक्षक जैकेट पहने बचाव नौकाओं पर चढ़ने के लिए संघर्ष करते देखा जा सकता था।
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