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वैश्विक आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती, ईस्ट एशियन समिट में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दसवें ईस्ट एशिया समिट में शामिल हुए। समिट में वैश्विक आतंकवाद के खतरों और उनसे निपटने के उपायों पर चर्चा की गई । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास के लिए शांति का माहौल जरूरी है, आज विश्व के करीब हर देश आतंकवाद का सामना कर

By Lalit RaiEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2015 09:08 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2015 11:09 AM (IST)
वैश्विक आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती, ईस्ट एशियन समिट में बोले पीएम मोदी

कुआलालंपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दसवें ईस्ट एशिया समिट में शामिल हुए। समिट में वैश्विक आतंकवाद के खतरों और उनसे निपटने के उपायों पर चर्चा की गई । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास के लिए शांति का माहौल जरूरी है, आज विश्व के करीब हर देश आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। आतंकवाद से निपटने के लिए एक साझा प्रयास करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद की परिभाषा तय की जाए।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने ईस्ट एशिया समिट के दौरान भारत के नजरिए को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि पांच बिंदुओं को ध्यान में रखकर हम एक बेहतर कल का निर्माण कर सकते हैं

1. क्षेत्रीय सुरक्षा पर समावेशी,खुलेपन,संतुलित और पारदर्शी तरीके से साझा अभियान चलाना

2. समुद्र के जरिए व्यापार पर बल,यूएन कन्वेंशन 1982 के तहत समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने पर जोर

3. साइबर सुरक्षा, स्पेस टेक्नोलॉजी में सहयोग पर बल,भारत आशियान और ईस्ट एशियाई मुल्कों के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा पर देगा बल

4. क्षेत्रीय आर्थिक समझौतों पर जोर

5. ईस्ट एशियाई मुल्कों के साथ विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एशियाई देश एक समान संस्कृति को साझा करते हैं, इन देशों में रहने वाले लोगों की जरुरतें करीब करीब एक समान हैं,एशियाई मुल्क आपसी मदद से एक नए इतिहास का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की निगाहें ईस्ट एशियाई मुल्कों पर टिकी हुई हैं। हम सब अपने सपनों को इस फोरम के जरिए पूरी कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार आने के बाद जितनी करीबी इस इलाके के मुल्कों से बढ़ी है, उतनी करीबी दुनिया के किसी और फोरम से नहीं हुई है। ये एक ऐतिहासिक समिट है, आशियान में हिस्सा लेने वाले मुल्कों की प्रतिबद्धता के लिए हम उनकी सराहना करते हैं। 2025 तक आशियान मुल्कों ने जिन मकसदों को हासिल करने का लक्ष्य रखा है वो काबिलेतारीफ है।

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