दिमाग को असंतुलित कर सकती है बार-बार फेसबुक देखने की तलब
लंबे समय तक यह आदत व्यक्ति को सामान्य परिस्थितियों में भी फैसले लेने में अक्षम कर सकती है।
न्यूयॉर्क, आइएएनएस। अगर आप भी गाड़ी चलाते समय, मीटिंग में या अन्य किसी काम के बीच-बीच में फेसबुक या अन्य सोशल साइट चेक करते हैं, तो संभल जाइए। यह आदत आपके दिमाग की दो व्यवस्थाओं के बीच असंतुलन का कारण बन सकती है।
अमेरिका की डीपॉल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि किसी भी तरह का फैसला लेते समय मनुष्य के दिमाग में दो तरह की व्यवस्थाएं काम करती हैं। इसमें से पहली व्यवस्था तात्कालिक फैसले के लिए होती है। यह किसी परिस्थिति के आधार पर व्यक्ति को तुरंत फैसला करने में सक्षम बनाती है। अचानक कुछ दिखने या सोशल मीडिया के संदेशों पर मनुष्य इसी के आधार पर प्रतिक्रिया देता है।
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वहीं दूसरी अवस्था, वस्तुगत निर्णय में काम आती है। इसकी मदद से मनुष्य के निश्चित व्यवहार तय होते हैं, जैसे गाड़ी की गति को नियंत्रित रखना और रास्ते पर ध्यान बनाए रखना। किसी मीटिंग में भी मनुष्य पूरी तरह सोच-विचारकर फैसले करता है।
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सहायक प्रोफेसर हामिद काहरी सरेमी ने कहा कि गाड़ी चलाने, मीटिंग में होने और ऐसी ही निश्चित गतिविधियों के बीच बार-बार फेसबुक या सोशल मीडिया अपडेट चेक करना दिमाग की इन दोनों व्यवस्थाओं के बीच असंतुलन बना सकता है। लंबे समय तक यह आदत व्यक्ति को सामान्य परिस्थितियों में भी फैसले लेने में अक्षम कर सकती है।