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'उसे नहीं पता था कि उसकी गाड़ी में जो बैठा है वो मुल्‍ला मंसूर है'

तालिबान प्रमुख मुल्‍ला मंसूर के साथ मारा गए टैक्‍सी ड्राइवर आजम के परिजनों ने हर्जाना की मांग करते हुए अमेरिकी सरकार पर मामला दर्ज कराया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 30 May 2016 04:35 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 07:34 PM (IST)
'उसे नहीं पता था कि उसकी गाड़ी में जो बैठा है वो मुल्‍ला मंसूर है'

क्वेटा। अमेरिकी ड्रोन हमले में तालिबान प्रमुख मुल्ला मंसूर के साथ मारे गए टैक्सी के ड्राइवर मोहम्मद आजम के परिजनों ने अमेरिका पर मामला दर्ज कराया है। परिजनों का कहना है कि आजम नहीं जानता था कि उसकी टैक्सी में तालिबान का प्रमुख मुल्ला मंसूर बैठा है। परिजनों में यह भी कहा है कि परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य के इस हमले में मारे जाने के बाद उनके परिवार पर रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है। जिस वक्त अमेरिकी ड्रोन ने टैक्सी पर हमला किया उस वक्त वह मंसूर को ईरानी सरहद से बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा ले जा रहा था।

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अंग्रेजी अखबार द गार्जियन के मुताबिक इस हमले से एक बार फिर से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। वहीं तालिबान और अफगानिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया की पहल को भी धक्का लगा है। परिजनों का कहना है कि आजम ताफ्तान में आठ सालों से ज्यादा वक्त से टैक्सी चला रहा था। ताफ्तान ईरान की सीमा के पास एक छोटा सा रेगिस्तानी शहर है। आजम के बड़े भाई मोहम्मद कासिम का कहना है कि आजम की कमाई से ही उसकी बीवी, चार बच्चे और एक विकलांग भाई की परविश हो रही थी।

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अखबार के मुताबिक आजम की मौत से परिवार को गहरा सदमा लगा है। कासिम ने विश्व के मानवाधिकार मंचों से यह अपील की है कि आजम की बर्बर हत्या की जांच हो और और उनके बच्चों को मुआवजा दिया जाए। हालांकि इस मामले की जांच पुलिस पहले ही कर रही है। कासिम ने इस हमले के खिलाफ अमेरिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी अपील की है। आजम हबीब साओली की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करता था। इस ट्रांसपोर्ट कंपनी का ऑफिस ईरानी-पाकिस्तानी बॉर्डर पर है।

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