भारत के खिलाफ एफ-16 का इस्तेमाल करेगा पाक
पाकिस्तान को एफ-16 बेचने की अमेरिका की तैयारियों के बीच एक पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक ने कांग्रेस को इस संबंध में आगाह किया है। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हुसैन हक्कानी के अनुसार इस तरह के लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल आखिरकार भारत के खिलाफ ही किया जाएगा।

वाशिंगटन। पाकिस्तान को एफ-16 बेचने की अमेरिका की तैयारियों के बीच एक पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक ने कांग्रेस को इस संबंध में आगाह किया है। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हुसैन हक्कानी के अनुसार इस तरह के लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल आखिरकार भारत के खिलाफ ही किया जाएगा।
वे फिलहाल शीर्ष अमेरिकी विचार समूह हडसन इंस्टीट्यूट में दक्षिणी एवं मध्य एशिया मामलों के निदेशक हैं। सैन्य उपकरणों की बिक्री और असैन्य परमाणु संधि को उन्होंने तुष्टीकरण नीति बताते हुए कहा कि सालों तक मदद कर अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना के मुगालते को ही पोषित किया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ असैन्य परमाणु संधि पर चर्चा करने या उसे और अधिक सैन्य उपकरण बेचने के बजाय अमेरिकी अधिकारियों को उससे कहना चाहिए कि भारत के साथ प्रतिद्वंद्विता की उसकी महत्वाकांक्षाएं ठीक वैसी ही हैं जैसे फ्रांस या जर्मनी से बेल्जियम प्रतिद्वंद्विता की कोशिश कर रहा है।
वे "पाकिस्तान के साथ असैन्य परमाणु सहयोगः संभावनाएं एवं परिणाम" पर कांग्रेस की विदेशी मामलों की उप समिति को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ माह पहले लगभग एक अरब डॉलर मूल्य के अमेरिका निर्मित हेलीकॉप्टरों, मिसाइलों और अन्य उपकरण पाकिस्तान को बेचे जाने के फैसले की ही तरह पाकिस्तान के साथ परमाणु संधि पर विचार किया जाना दक्षिण एशिया में विवाद को हवा देगा।
इससे इस्लामी चरमपंथियों से लड़ने में देश की मदद करने या उसके परमाणु हथियारों को सीमित करने के लक्ष्य की भी पूर्ति नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि जिहादी चुनौती से निपटने में विफलता हथियारों की कमी के कारण नहीं है, बल्कि इच्छाशक्ति की कमी दिखाती है।
यदि पाकिस्तान दुनिया को देखने का अपना नजरिया नहीं बदलता और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन कर अपने से कहीं अधिक बड़े पड़ोसी के साथ जबरन प्रतिद्वंद्विता में उलझना नहीं छोड़ता, तो अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल आखिरकार भारत के खिलाफ ही किया जाएगा।

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