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    व्यायाम अवसाद को मात देने में मददगार

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Sun, 14 Jun 2015 06:37 PM (IST)

    अवसाद को मात देने में व्यायाम मदद कर सकता है क्योंकि इसका सकारात्मक असर पड़ता है। यह दावा स्वीडन की सहलग्रेंस्का अकादमी के शोधकर्ताओं ने किया है। उनका कहना है कि अवसादरोधी उपचार में व्यायाम थेरेपी की तरह है।

    स्वीडन। अवसाद को मात देने में व्यायाम मदद कर सकता है क्योंकि इसका सकारात्मक असर पड़ता है। यह दावा स्वीडन की सहलग्रेंस्का अकादमी के शोधकर्ताओं ने किया है। उनका कहना है कि अवसादरोधी उपचार में व्यायाम थेरेपी की तरह है।

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    यह निष्कर्ष 62 लोगों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर निकाला गया है। अवसादग्रस्त 62 प्रतिभागियों को तीन समूहों में बांटा गया। इनमें से दो समूहों से दस सप्ताह तक हफ्ते में दो बार कई प्रकार के व्यायाम कराए गए। तीसरे समूह को इस व्यवस्थित व्यायाम से दूर रखा गया। अध्ययन से जुड़े पीएचडी छात्र लुईस डेनियल्सन ने बताया कि नियंत्रित समूह की तुलना में व्यायाम में हिस्सा लेने वाले लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में स्पष्ट सुधार देखा गया।

    उन्होंने कहा, 'परिणाम से पता चलता है कि अवसादग्रस्त लोगों के प्राथमिक उपचार के तौर पर हम व्यायाम का उपयोग कर सकते हैं।'

    अधिक उम्र में दमा का इलाज कम प्रभावी

    अधिक उम्र वाले रोगियों में दमा के इलाज की सफलता की संभावना कम रहती है। 30 साल से अधिक उम्र के लोगों में इस बीमारी का इलाज विफल होने के खतरे में वृद्धि पाई गई है। यह दावा एक नए अध्ययन में किया गया है। अमेरिका के डेनवर स्थित राष्ट्रीय यहूदी स्वास्थ्य संस्थान में मेडिसिन के प्रोफेसर माइकल वेचस्लेर ने बताया, '1200 दमा रोगियों के अध्ययन से पता चला कि 30 साल से अधिक उम्र वाले पीड़ितों के उपचार के विफल होने का खतरा अधिक था।'

    उन्होंने बताया, 'हमने यह भी पाया कि पुरुषों और महिलाओं में उपचार के नाकाम होने की दर काफी अलग थी।' इस अध्ययन का प्रकाशन अमेरिकी जर्नल श्वसन और सघन चिकित्सा उपचार में किया गया है।

    [साभार-नई दुनिया]

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