यूरोप का पहला यान मंगल की सतह पर उतरा
मंगल ग्रह पर जीवन की खोज करने के लिए यूरोप का पहला अंतरिक्ष यान शियापेरिल लैंडर लाल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा है।
फ्रैंकफर्ट, रायटर : मंगल ग्रह पर जीवन की खोज करने के लिए यूरोप का पहला अंतरिक्ष यान शियापेरिल लैंडर लाल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा है।
डिस्क की आकार का 577 किलोग्राम वजन का यह यान रोवर के लिए एक शुरूआती परीक्षण प्रणाली है जो दूसरे चरण में वर्ष 2020 तक जारी रहेगी। मंगल की सतह पर यह यान बुधवार को बड़े खतरनाक तरीके से उतरा। लेकिन वैज्ञानिकों को उसके सुरक्षित रहने का अनुमान है।
छह मिनट की इस घातक उड़ान के बाद एक पैराशूट की मदद से यान करीब 21,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गर्म लाल ग्रह की सतह पर उतरा।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) के जर्मनी के डार्मस्टेड स्थित अंतरिक्ष केंद्र के महानिदेशक जनरल जान वॉरनर ने कहा कि टेस्ट लैंडर की असली हालत मालूम करने के लिए अभी कुछ समय इंतजार करना होगा। लेकिन अब तक का मिशन तो कामयाब रहा ही है।
इस यान का नाम इटली के अंतरिक्ष यात्री जियोवन्नी शियापेरिल के नाम पर रखा गया है। शियापेरिल ने वर्ष 1877 में ही मंगल ग्रह की सतह की मैपिंग शुरू कर दी थी। शियापेरिल यान यूरोपीय-रूसी एक्सो मार्स प्रोग्राम का ही हिस्सा है।
यह मंगल ग्रह पर भूत और भविष्य में जीवन की संभावनाओं की तलाश करेगा। इस दिशा में यूरोपीय एजेंसी का दूसरा यान वर्ष 2020 में मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा।
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