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    प्रभावी एचआइवी टीका हकीकत के करीब

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    Updated: Mon, 03 Mar 2014 07:05 PM (IST)

    प्रतिरक्षा प्रणाली किस तरह एक शक्तिशाली एंटीबॉडी बनाती है, वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है। यह कोशिकाओं को एचआइवी संक्रमण से बचाती है। इस उपलब्धि से घातक वायरस से निपटने के लिए प्रभावी टीका बनाने की राह मजबूत हो गई है।

    वाशिंगटन। प्रतिरक्षा प्रणाली किस तरह एक शक्तिशाली एंटीबॉडी बनाती है, वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है। यह कोशिकाओं को एचआइवी संक्रमण से बचाती है। इस उपलब्धि से घातक वायरस से निपटने के लिए प्रभावी टीका बनाने की राह मजबूत हो गई है।

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    शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि एक टीका वायरस के वी1वी2 में विशेष संरक्षित क्षेत्र से शक्तिशाली एंटीबॉडी प्राप्त ले तो यह लोगों की एचआइवी संक्रमण से रक्षा कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस नई खोज से एक शक्तिशाली अधिक प्रभावी टीका बनाने का रास्ता खुला है, जिससे वी1वी2 निर्देशित एचआइवी एंटीबॉडी की उत्पत्ति होगी। ये शोध नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी और इनफेक्शस डिजीज (एनआइएआइडी) के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है।

    डायबटीज से बचाने वाली जीन परिवर्तन की पहचान

    वैज्ञानिकों ने ऐसे जीन बदलाव की पहचान की है जो टाइप-2 डायबटीज के बढ़ते खतरे को कम कर सकता है। इसके अलावा लोगों में मोटापे जैसे जोखिम के कारणों को भी कम कर सकता है। यह शोध ब्राड इंस्टीट्यूट और मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (एमजीएच) के शोधकर्ताओं की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने की है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यदि एक दवा विकसित की जा सकती है जोकि सुरक्षात्मक प्रभावी परिवर्तनों के सदृश्य हो तो उससे बीमारी से बचाव का रास्ता खुल सकता है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में टाइप-2 डायबटीज से 30 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं और इसका फैलाव तेजी से हो रहा है।