डोनाल्ड ट्रम्प बने अमेरिकी राष्ट्रपति तो भारतीयों को नहीं मिलेगी नौकरी
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दावेदार डोनॉल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वो राष्ट्रपति बनने पर देश में गैर-अमेरिकियों की नौकरी पर नियंत्रण लगाएंगे।
वॉशिंगटन। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दावेदार डोनॉल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वो राष्ट्रपति बनने पर देश में गैर-अमेरिकियों की नौकरी पर नियंत्रण लगाएंगे।
उन्होंने डिज्नी से भी कहा कि वह उन अमेरिकी कामगारों को नौकरी पर वापस रखे, जिन्हें निकालकर कंपनी ने विदेश से आए कर्मियों को नौकरी दी है।
ट्रम्प की यह नीति एच-1बी वीजा पर अमेरिका में नौकरी करने वालों के लिए मुश्किल का कारण बन सकती है।
उन्होंने कहा कि यदि वे राष्ट्रपति बनते हैं तो विदेशियों को नौकरी देने वाली कंपनियों को एच-1बी वीजा जारी नहीं करेंगे। साथ ही जस्टिस विभाग से ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई करने के लिए भी कहेंगे।
गौरतलब है कि भारत से बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल तथा कुशल कामगार एच-1बी वीजा पर ही अमेरिका जाकर काम करते हैं।
हाल ही में डिज्नी ने अपने 250 अमेरिकी वर्करों को नौकरी से हटाकर उनके स्थान पर विदेश से आए कामगारों को नौकरी पर रखा है।
डोनाल्ड ने कहा कि देश के अमीर और शक्तिशाली लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ रिपब्ल्किन नेता काम कर रहे हैं जो अमेरिका के पक्ष में नही है।
ट्रम्प का ये तल्ख बयान डिज्नी के दो पूर्व कर्मचारियों द्वारा लगाए गए आरोप के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एंटरटेनमेंट कंपनी डिज्नी ने एच-1बी वीजा पर अमेरिका आए कामगारों को उनके स्थान पर नौकरी पर रख लिया है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी शहर सरासोटा के एम्प्लायमेंट अटॉनी सैरा ब्लैकवेल डिज्नी से निकाले गए कर्मियों के वकील हैं और उन्होंने बताया कि केवल डिज्नी ही नहीं, टॉयज आर अस, आईबीएम तथा वेरिजन जैसी कंपनियां भी अपने काम को आउटसोर्स कर रही हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।