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    'भारत-अफगानिस्‍तान ने पाकिस्‍तान में अशांति फैलाने के लिए मिलाया हाथ'

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Tue, 07 Mar 2017 03:37 PM (IST)

    पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बॉर्डर पर 25 ऐसे रास्‍ते हैं, जहां से दोनों देशों के लोग आते-जाते हैं। लेकिन हम इन रास्‍तों से आतंकवादियों को अपने देश म ...और पढ़ें

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    'भारत-अफगानिस्‍तान ने पाकिस्‍तान में अशांति फैलाने के लिए मिलाया हाथ'

    इस्‍लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्‍तानी रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ का कहना है कि भारत और अफगानिस्‍तान मिलकर पाक में अशांति फैला रहे हैं। भारत और अफगानिस्‍तान ने पाक में अशांति फैलाने के लिए हाथ मिला लिया है। रक्षा मंत्री ने भारत-अफगानिस्‍तान पर आरोप पाक संसद में लगाया। 

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    ख्‍वाजा आसिफ ने कहा कि भारत की ओर से सीमा पर लगातार सीजफायर का उल्‍लंघन किया जा रहा है। भारत की ओर से लगातार एलओसी पर भी फायरिंग की जाती रही है। रक्षा मंत्री द्वारा संसद में दिए गए लिखित जवाब में यह कहा गया कि पिछले चार सालों में भारत की ओर से 1170 बार सीजफायर का उल्‍लंघन किया गया है। इसमें 257 बार एलओसी पर किए गए सीजफायर उल्‍लंघन के मामले भी शामिल हैं। 

    संसद के निचले सदन, नेशनल असेंबली में विपक्षी सांसदों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के साथ अच्‍छे रिश्‍ते बनाने और बेहतर सीमा प्रबंधन को लागू करने की कोशिश कर रहा है। उन्‍होंने कहा, 'जब तक अफगानिस्तान के साथ बेहतर सीमा प्रबंधन नहीं होता है, तब तक आतंकवाद का संकट अस्तित्व में रहेगा।'
    पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बॉर्डर पर 25 ऐसे रास्‍ते हैं, जहां से दोनों देशों के लोग आते-जाते हैं। लेकिन हम इन रास्‍तों से आतंकवादियों को अपने देश में घुसने नहीं दे सकते। आसिफ ने कहा, 'हमें यह अधिकार है कि आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए पाक-अफगान बॉर्डर को बंद कर अपने देश के लोगों की रक्षा करें। हमने हजारों अफगानों को आश्रय दिलाया, लेकिन हम आतंकवादियों को अपने देश में नहीं रखेंगे।' उन्‍होंने कहा कि हमारे बेटों का खून बहाने वाले अफगान की जमीन पर बैठे हैं, सरकार को उनके खिलाफ एक्‍शन लेना चाहिए। 
    वहीं हाल ही के अभियानों में पख्तून के खिलाफ भेदभाव के आरोपों पर रक्षा मंत्री ने कहा, 'किसी भी एक जाति के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं है। यह अभियान आतंकवादियों के खिलाफ हैं और आतंकवादियों का कोई भी धर्म, जाति या जातीयता नहीं है।