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दलाईलामा को समलैंगिक विवाह पर ऐतराज नहीं

तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने समलैंगिक विवाह का नैतिक रूप से समर्थन किया है। वहीं अमेरिकी संसद में दलाईलामा को आमंत्रित किए जाने पर चीन ने नाराजगी जाहिर की है। गुरुवार को उनके द्वाराविशेष प्रार्थना के साथ ही अमेरिकी संसद की कार्यवाही प्रारंभ हुई थी।

By Edited By: Published: Fri, 07 Mar 2014 08:50 PM (IST)Updated: Sat, 08 Mar 2014 12:05 AM (IST)

वाशिंगटन। तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने समलैंगिक विवाह का नैतिक रूप से समर्थन किया है। वहीं अमेरिकी संसद में दलाईलामा को आमंत्रित किए जाने पर चीन ने नाराजगी जाहिर की है। गुरुवार को उनके द्वाराविशेष प्रार्थना के साथ ही अमेरिकी संसद की कार्यवाही प्रारंभ हुई थी।

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अमेरिकी यात्रा के दौरान दिए एक साक्षात्कार में दलाईलामा ने कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का निर्णय प्रत्येक देश की सरकार पर निर्भर करता है और मूल रूप से यह व्यक्तिगत मामला है। जाने माने रेडियो और टेलीविजन प्रस्तोता लॉरी किंग के ऑनलाइन टॉक शो में तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु ने कहा कि यदि दो लोग (एक जोड़ा) वास्तव में इससे सहमत हैं तो ठीक है। उन्होंने सार्वजनिक नीति और व्यक्तिगत नैतिकता के बीच विभेद करते हुए कहा कि फिर भी लोगों को यौन संबंधों के मामले में अपने धार्मिक नियमों का पालन करना चाहिए, लेकिन नास्तिकों के लिए यह उन्हीं पर निर्भर करता है। दलाईलामा ने कहा कि यौन संबंध के अलग-अलग स्वरूप हैं। यह जब तक सुरक्षित है तब तक ठीक है। धमकी और उत्पीड़न पूरी तरह गलत है और यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

उधर, अमेरिकी सांसदों के साथ दलाईलामा की मुलाकात पर चीन ने शुक्रवार को कहा कि वाशिंगटन धर्म की आड़ में अलगाववाद एजेंडे पर काम करने वाले व्यक्ति से साठगांठ करना बंद करे। पिछले महीने ह्वाइट हाउस में राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ उनकी मुलाकात पर भी चीन भड़क गया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता किन गांग ने इस पर कड़ा विरोध जाहिर करते हुए कहा कि चीन, अमेरिका से आग्रह करता है कि वह चीन के घरेलू मामलों में दखल न दे।


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