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    ब्रह्मांड के सबसे ठंडे तारे की खोज

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    Updated: Sat, 26 Apr 2014 08:36 PM (IST)

    अगर आपसे कहा जाए कि इस करामाती ब्रह्मांड में एक ऐसा भी तारा है जो कि धरती के उत्तरी धु्रव जितना ठंडा है, तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे। लेकिन यह सच है। पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के खगोल विज्ञानियों ने नासा के वृहद क्षेत्रीय इंफ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर [वाइस] और स्पिट्जर स्पेस दूरबीन की मदद से एक ऐसे तारे को खोजने में कामयाबी हासिल की है।

    वाशिंगटन। अगर आपसे कहा जाए कि इस करामाती ब्रह्मांड में एक ऐसा भी तारा है जो कि धरती के उत्तरी धु्रव जितना ठंडा है, तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे। लेकिन यह सच है। पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के खगोल विज्ञानियों ने नासा के वृहद क्षेत्रीय इंफ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर [वाइस] और स्पिट्जर स्पेस दूरबीन की मदद से एक ऐसे तारे को खोजने में कामयाबी हासिल की है।

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    ब्राउन ड्वार्फ [छोटे] तारे को अपनी तरह का सबसे ठंडा तारा माना जा रहा है। इस तारे का तकनीकी नाम वाइस जे085510.83-071442.5 रखा गया है। इस छोटे तारे का तापमान शून्य से 48 डिग्री कम से शून्य से 13 डिग्री कम तक आंका गया है। इससे पहले भी सबसे ठंडे छोटे तारे की खोज वाइस और ंस्पिट्जर ने ही की थी। उसका तापमान कमरे के तापमान के बराबर आंका गया था। बृहस्पति के द्रव्यमान से 3 से 10 गुने तक के द्रव्यमान वाले तारे को ड्वार्फ तारे की श्रेणी में माना जाता है। दूरबीन से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर यह पता लगा है कि यह तारा सूरज से 7.2 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। इस प्रकार यह सूरज का चौथा सबसे करीबी तारा है।

    यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के प्रोफेसर केविन लुमैन ने कहा कि हमारे सौर परिवार का इतना नजदीकी पड़ोसी मिलना वास्तव में रोमांचक है। उन्होंने कहा कि हालांकि हमारी सौर प्रणाली से इस निकटता के बावजूद यह सुदूर भविष्य में मानवीय अंतरिक्ष यात्रा के लिए आदर्श गंतव्य नहीं हो सकता है।

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